कार्ति चिदंबरम की याचिका पर ईडी से जवाब तलब
नई दिल्ली, 30 जनवरी (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय से पूर्व केंद्रीय वित्तमंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की उस याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा, जिसमें उन्होंने इस महीने की शुरुआत में अपने चेन्नई स्थित आवास पर ईडी द्वारा ली गई तलाशी को अवैध, तंग करने की कार्रवाई और अधिकार क्षेत्र के बिना की गई कार्रवाई घोषित करने की मांग की है।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताव रॉय की पीठ ने कार्ति चिदंबरम की याचिका पर एजेंसी से जवाब मांगा है। कार्ति चिदंबरम ने इस याचिका में 13 जनवरी को उनके परिसर में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मारे गए छापे को ‘अवैध, तंग करने की कार्रवाई और संविधान के अनुच्छेद 14 का मनमाना उल्लंघन’ करार दिया है।
एयरसेल-मैक्सिस मामले में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी दिलवाने में कथित अनियमितताओं के संबध में यह तलाशी ली गई। यह मामला उस वक्त का है, जब उनके पिता मंत्री थे और कथित तौर पर लाभार्थी कार्ति चिदंबरम थे।
कार्ति चिदंबरम ने तर्क दिया कि यह तलाशी उन्हें तंग करने की कार्रवाई थी, क्योंकि प्राधिकरण अधिकारी ने बिना कारण बताए, उनके परिसर की तलाशी ली, जो अधिनियम की धारा 62 के तहत दंडनीय है।
विशेष सीबीआई अदालत द्वारा दो फरवरी, 2017 को मारन भाइयों -कलानिधि और दयानिधि मारन- को बरी करने का हवाला देते हुए, कार्ति ने कहा कि ग्लोबल कम्युनिकेशंस होल्डिंग्स सर्विसिस लिमिटेड, मॉरीशस को एयरसेल में निवेश के लिए एफएसबीबी की मंजूरी से संबंधित कोई अपराध नहीं हुआ है और इसकी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच की गई है।
अपने आवेदन में, उन्होंने यह भी कहा कि चेन्नई में उनके निवास पर तलाशी के लिए प्राधिकरण ने ईडी द्वारा की जा रही जांच के मामले की जांच का कोई विवरण नहीं दिया, लेकिन खोज दल ने स्पष्ट रूप से कहा कि एफआईबीबी अनुमोदन के संबंध में तलाशी ली जा रही है, जिसकी मंजूरी तत्कालीन वित्तमंत्री ने एयरसेल मैक्सिस के प्रस्ताव पर दी थी।
अदालत ने इस मामले पर ईडी से जवाब मांगा और सुनवाई की अगली तारीख आठ मार्च निर्धारित की है।