राष्ट्रीय

महिला पत्रकार को बयान बदलने पर मजबूर किया गया : कांग्रेस

तिरुवनंतपुरम, 28 जनवरी (आईएएनएस)| कांग्रेस ने केरल की सत्तारूढ़ वाम सरकार की नकली नैतिकता बघारने की आलोचना करते हुए रविवार को कहा कि उस महिला पत्रकार को बयान बदलने पर मजबूर किया गया, जिसने राकांपा नेता ए.के. ससींद्रन के खिलाफ अश्लील बातें करने के लिए एक मामला दायर किया था।

ससींद्रन को शनिवार को इस मामले में बरी कर दिया गया। महिला पत्रकार द्वारा अपने बयान से पीछे हटने के बाद यहां एक निजी अदालत ने शनिवार को ससींद्रन को बरी कर दिया। मार्च 2017 में ससींद्रन ने एक ऑडियो क्लिप के बाहर आने के बाद परिवहन मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। क्लिप में उन्हें एक महिला पत्रकार से अभद्र भाषा में बात करते हुए सुना जा सकता है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला ने कहा कि यह अजीब है कि केरल में वामदल हमेशा नैतिकता की बात करते हैं, लेकिन ससींद्रन के पक्ष में फैसला आने से वामदल की स्थिति का खुलासा हो चुका है।

नेता प्रतिपक्ष चेन्निथला ने कहा, जो अदालत में हुआ वह एक नाटक था। जब क्लिप टीवी पर प्रसारित किया गया तब हम सभी ने ससींद्रन की आवाज सुनी और जव वह खबर प्रसारित हुई, तब ससींद्रन ने यह नहीं कहा कि यह उनकी आवाज नहीं है। उन्होंने अपना पद छोड़ दिया। यह दोष की भावना थी, जिसने उन्हें अपना पद छोड़ने पर मजबूर किया।

पिछले साल एक टीवी चैनल ने ससींद्रन के ऑडियो क्लिप को प्रसारित किया था, जिसके बाद पत्रकार ने उनके खिलाफ अदालत में एक याचिका दायर की थी।

लेकिन पिछले सप्ताह पत्रकार ने अदालत में कहा कि ससींद्रन ने कभी उनके साथ दुर्व्यवहार नहीं किया और न ही उन्हें पता है कि जिसने फोन पर उनसे बात की, वह ससींद्रन ही थे।

इसी बयान के कारण अदालत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता को बरी कर दिया।

राकांपा नेतृत्व से मिलने और कैबिनेट में दोबारा शामिल होने के लिए दिल्ली जाने से पहले रविवार को ससींद्रन ने मीडिया से कहा कि वह खुशी और राहत महसूस कर रहे हैं।

अपने अगले कदम पर उन्होंने कहा, मेरी पार्टी का नेतृत्व ही फैसला लेगा और वह हमारी पार्टी के लिए फायदेमंद होगा।

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