राष्ट्रीय

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली विधानसभा में दिखेगी देशभक्ति

नई दिल्ली, 22 जनवरी (आईएएनएस)| जनवरी की एक दोपहर में ओ.पी. शर्मा (62) अपने दो अन्य साथियों के साथ मूंछों पर ताव देते एक युवक की तस्वीर एक सफेद दीवार पर टांग रहे थे। दिल्ली विधानसभा की दीवार पर लगने वाली वह तस्वीर शहीद-ए-आजम भगत सिंह की थी।

दिल्ली विधानसभा की इमारत में भगत सिंह, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, टीपू सुल्तान और रानी चेन्नम्मा सहित कुल 70 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और ऐतिहासिक व्यक्तियों की तस्वीरें दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्रों के प्रतीक स्वरूप लगाई गई हैं। इन तस्वीरों का अनावरण 26 जनवरी को किया जाएगा।

सन् 1760 से 1947 के बीच शहीद हुए लोगों की ये तस्वीरें काले फ्रेम में तैयार हैं और प्रत्येक तस्वीर की चौड़ाई .5 फुट और लंबाई 2.5 फुट है।

इन तस्वीरों को बनाने वाले कलाकार गुरु दर्शन सिंह बिंकल ने आईएएनएस को बताया कि वे पिछले 27 वर्षो से शहीदों की तस्वीरें बना रहे हैं। इसके पीछे के कारण को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा, शहीदों को जीवित होना चाहिए।

कैनवास पर ऑयल कलर से तस्वीर बनाने वाले 52 वर्षीय कलाकार ने बताया कि उन्होंने कई ऐसे शहीदों की तस्वीरें बनाई हैं जो ज्यादातर लोगों के लिए अनजान हैं।

बिंकल ने बताया कि उन्हें एक तस्वीर बनाने में लगभग तीन दिन लगते हैं, लेकिन इसके लिए वह कैनवास और रंग की कीमत के अलावा कोई कीमत नहीं लेते।

विद्यार्थी जीवन से चित्रकारी कर रहे बिंकल ने कहा कि आजीविका चलाने के लिए वह अन्य काम भी करते हैं।

शर्मा और बिंकल देश को आजाद करने के लिए शहीद हुए स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए काम करने वाली संस्था ‘शहीद स्मृति चेतना समिति’ के सदस्य हैं।

संस्था के महासचिव प्रेम कुमार शुक्ला ने आईएएनएस को बताया कि उनका एकमात्र लक्ष्य लोगों के दिलों में देशप्रेम की भावना जागृत करना है।

दिल्ली विधानसभा से 30 किलोमीर दूर एसएससीएस कार्यालय के एक कोने पर संकरी सीड़ियों के ऊपर रखे तस्वीरों से भरे बक्से के पास वे बैठे थे।

एक सहयोगी ने अन्य तस्वीरें दिखाने के लिए वह बक्सा खोला। उनमें ज्यादातर तस्वीरें ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की थीं, जिन्हें ज्यादातर लोग पहचानते भी नहीं।

उन्होंने कहा कि बच्चों को इनके बारे में जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे भी देश के लिए कुछ ऐसा करने के लिए प्रेरित हों।

सेवानिवृत्त शिक्षक रविचंद्र गुप्ता ने वर्ष 1997 में शहीदों की तस्वीरों की देशभर में प्रदर्शनियां लगाते हुए इस संस्था की स्थापना की थी।

शुक्ला ने दावा किया कि उनके पास स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के आंकड़े भारत सरकार से भी ज्यादा हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदर्शनियों और अन्य माध्यमों से उन्होंने देशभर में एक करोड़ लोगों तक अपनी पहुंच बना ली है।

विधानसभा में शर्मा और उनके सहयोगी अपने काम में फिर से व्यस्त हो गए। दीवार पर प्रत्येक शहीद की तस्वीर के नीचे उनका संक्षिप्त जीवन परिचय भी लिखा गया है।

विधानसभा में अपने काम पर शर्मा ने कहा, हमने रुपयों को लेकर कोई बात नहीं की है। अगर वह हमें कुछ देंगे तो हम रख लेंगे। हम केवल इतना चाहते हैं कि लोग शहीदों को याद रखें।

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