खेल

टाटा मुंबई मैराथन का 15वां संस्करण रविवार को, जबरदस्त उत्साह

नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)| मुंबई में रविवार को आयोजित होने वाले टाटा मुंबई मैराथन के 15वें संस्करण में कई नई चीजें नजर आएंगी और इसमें सबसे खास है मैराथन का एंथम-‘निकल पड़ो तो मुमकिन है’। मैराथन के विशेष प्रचारक प्रोकैम इंटरनेशनल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलिप जयराम ने आईएएनएस के साथ बातचीत में इससे जुड़ी कई चीजों के बारे में चर्चा की।

टाटा मुंबई मैराथन की इस एंथन को सलीम-सुलेमान की जोड़ी ने आवाज दी है। इस बारे में दिलिप ने बताया, इस एंथम को सलीम-सुलेमान ने तैयार किया है। हमने इस बारे में सबसे पहले प्रसून जोशी से बात की और उन्हें इस मैराथन के 14 साल के सफर के बारे में बताया। उसे देखते हुए प्रसून ने इस एंथम के बोल तैयार किए और सलीम-सुलेमान की जोड़ी ने इसे अपनी आवाज और संगीत से नया रूप दिया।

दिलिप ने कहा कि यह एंथम-‘निकल पड़ो तो मुमकिन है’ सही मायने में इसके सफर और इसमें हिस्सा लेने वाले लोगों के हौंसले को दर्शाता है।

सबसे खास बात है इस मैराथन का लोगो। इस बार मैराथन का लोगो मुंबई शहर के इतिहास से जुड़ा है। हर कोई जानता है कि मुंबई शहर का निर्माण लावा से निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है और इसलिए, यह लोगो सात महाद्वीपों को दर्शाता है। इसके अलावा, पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस मैराथन में 44, 407 लोग हिस्सा ले रहे हैं।

इसके अलावा, इस मैराथन में सबसे खास है-‘फिनिशर मेडल’ और ‘इंस्पायर मेडल’। इस बारे में दिलीप ने कहा, इन पदकों को 40 किलोमीटर की फुल मैराथन में जीतने वाले प्रतिभागियों को दिया जाएगा।

‘इंस्पायर मेडल’ के बारे में दिलीप ने कहा, मैराथन के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा होगा कि हम यह पदक दे रहे हैं। यह पदक फुल मैराथन में जीतने वाले प्रतिभागी के उस साझेदार को दिया जाएगा, जिसने हर कदम में उसे इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रेरित किया है। इसमें सुबह उठकर आपको तैयार करने वाली आपकी मां, हर रोज आपको प्रेरित करने वाला आपका बेटा, भाई, बहन कोई भी साझेदार हो सकता है। यह उनके लिए एक शुक्रिया है।

इस मैराथन में पहली बार नौ मीटर की साड़ी पहनकर 44 वर्षीय महिला जयंती संपतकुमार अपने ही गिनीज बुक रिकॉर्ड को चुनौती देने फुल मैराथन में हिस्सा लेंगी।

इसके अलावा, उम्र को केवल एक संख्या मानने वाले 75 वर्षीय महादेव समजिसकर 15वीं बार मैराथन का हिस्सा बनने जा रहे हैं। दूसरी ओर, दो जुड़वां भाई ‘बेटी बचाओ’ की पहल के साथ मैराथन में दौड़ेंगे और इसके लिए वह खास तरह से तैयार भी होंगे, जो लोगों का ध्यान उनके संदेश की ओर खींचेगा।

साल 2014 में मुम्बई मैराथन का खिताब जीतने वाले केन्या के इवांस रुटो एक बार फिर तमाम धावकों को चुनौती देते नजर आएंगे। रुटो ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैं अच्छी लय में हूं। मेरी फिटनेस भी अच्छी है और मैं समझता हूं कि इस साल मैं एक बार फिर से अपना खिताब वापस पाने में सफल रहूंगा।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close