खेल

पीडब्ल्यूएल : आसान नहीं था पूजा ढांडा के लिए ओलम्पिक विजेता को हराना

नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)| प्रो रेसलिंग लीग (पीडब्ल्यूएल) के तीसरे सीजन में मंगलवार की शाम भारतीय महिला कुश्ती की सबसे सफलतम शामों में से एक रही और इसमें पूजा ढांडा ने खास भूमिका निभाई।

एक जीत ने भारतीय महिला कुश्ती के नाम एक सुनहरा अध्याय जोड़ दिया। मौजूदा चैम्पियन पंजाब रॉयल्स की टीम को हरियाणा हैमर्स पर जीत दिलाने में पूजा ढांडा के बेहतरीन प्रदर्शन की अहम भूमिका रही। पूजा ने हरियाणा की टीम में शामिल ओलम्पिक व विश्व चैम्पियन हेलेन मारोलिस को हराकर एक बड़ी जीत हासिल की। महिलाओं की 57 किलोग्राम भारवर्ग में खेल रहीं पूजा की हर तरफ सराहना हो रही है। उन्हें लगातार बधाई संदेश मिल रहे हैं।

पूजा ने एक खास बातचीत में बताया कि उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक जूडो खिलाड़ी के रूप में की थी। 2010 के यूथ ओलम्पिक के रेसलिंग इवेंट में रजत पदक जीतने वाली पूजा 2009 में एक जूडो खिलाड़ी के तौर पर यूथ एशियन चैम्पियनशिप में एक स्वर्ण सहित तीन अंतर्राष्ट्रीय पदक जीत भी चुकी थीं। लेकिन, इसके बाद पूर्व रेसलर और कोच कृपाशंकर विश्नोई ने पूजा को रेसलिंग में आने की सलाह दी। कृपाशंकर ने कहा कि पूजा के बॉडी शेप को ध्यान में रखकर उन्होंने उसके माता-पिता को उसे जूडो से हटाकर कुश्ती में लाने की सलाह दी थी।

सवाल जब सफलता के पीछे के हाथ के बारे में हुआ तो पूजा की आंखों से अपने पापा के लिए प्यार छलक आता है। उन्होंने कहा, अगर मेरे पापा ना होते तो आज मैं यहां ना होती। मेरे पापा ने मुझे हद से ज्यादा समर्थन दिया। आज भी मैं जहां भी जाती हूं वो मेरे साथ होते हैं। शिविर में मेरे से ज्यादा मेरे पापा सबको दिख जाते हैं।

पूजा ने अपने करियर की शुरुआत सुभाष चंद्र सोनी की कोचिंग में की जिन्होंने उनके फुट मूवमेंट पर बहुत काम किया।

24 साल की पूजा का जन्म हिसार के एक गांव गुडाना में हुआ था। परिवार में माता-पिता के अलावा भैया और भाभी हैं। पूजा को डांस बेहद पसंद है, लेकिन कहती हैं कि वह स्टेप्स ठीक से नहीं कर पाती हैं।

पूजा जब यूथ ओलम्पिक में रजत पदक जीतकर आई थीं तब सरकार ने उन्हें 12 लाख का इनाम देने का फैसला किया था। पूजा उस पल को याद करते हुए मुस्कुरा कर कहती हैं कि इनामी रकम को उनकी मां ने सबसे पहले टेबल पर एकसाथ फैलाकर देखा था कि वो एकसाथ दिखते कैसे हैं।

पूजा ढांडा बताती हैं कि उन्हें आमिर खान की सुपरहिट फिल्म दंगल में बबीता फोगट के रोल का प्रस्ताव मिला था, लेकिन चोट की वजह से वो उस प्रस्ताव को नहीं ले सकीं। पूजा के मुताबिक वो उन दिनों अपने घुटने की चोट की वजह से काफी परेशान थीं। ऐसे में उनके लिए किसी फिल्म में काम कर पाना मुश्किल था। उन्होंने कई महीनों तक स्वास्थ लाभ किया था। जुलाई 2015 में उन्हें अपने घुटने की सर्जरी करानी पड़ी थी। यह सिलसिला पिछले साल के आखिर तक चला।

पूजा ढांडा के नाम कई सफलताएं हैं। हाल ही में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स-2018 के ट्रायल में उन्होंने स्टार महिला खिलाड़ी गीता फोगट को हराकर खासी सुर्खियां बटोरीं। 2017 की राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में पूजा स्वर्ण पदक जीतने से पहले 2013 में भी राष्ट्रीय चैम्पियन रही हैं।

हेलेन को हराने के बाद पूजा अब आने वाले दो बड़े मुकाबलों का इंतजार कर रही हैं। उनका अगला मुकाबला संगीता फोगट (दिल्ली सुल्तान) और ओडुनायो (मुम्बई महारथी) के साथ है। पूजा के मुताबिक उनके लिए दोनों मुकाबले अहम हैं। पूजा ने कहा कि संगीता के खिलाफ वो पिछले कुछ महीनों में कई बार खेल चुकी हैं और ओडुनायो, जो कि वल्र्ड चैम्पियनशिप की रजत पदक विजेता हैं, उनके साथ भी उनका मुकाबला मुश्किल होगा।

पूजा का अगला लक्ष्य राष्ट्रमंडल खेलों और टोक्यो ओलम्पिक-2020 में देश के लिए पदक लाना है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रो रेसलिंग लीग के जरिए उन्हें मौका मिला है कि वो ओडुनायो जैसी पहलवान को हराकर अपनी काबिलियत दिखा सकें।

देश के सबसे सफल पहलवान और दो ओलम्पिक पदक जीतने वाले सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त को पूजा अपना रोल मॉडल मानती हैं। फिलहाल वह अपनी टीम पंजाब रॉयल्स के लिए एक खिताब जीतना चाहती हैं।

Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close