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NASA के वैज्ञानिकों का कारनामा, खोज निकाली एक और गैलेक्सी

वॉशिंगटन। नासा के वैज्ञानिकों ने नए सौरमंडल के बाद अब ब्रह्मांड में सबसे दूर एक गैलेक्सी यानी आकाशगंगा का पता लगाया है। ये सितारों का एक प्रीमिएटिव क्लस्टर है। ये पांच करोड़ साल पुराना माना जा रहा है। नासा के हबल और स्पिट्जर स्पेस टेलिस्कोप से ब्रह्मांड का गहन सर्वेक्षण किया। इसकी मदद से गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग नामक एक घटना से SPT0615-JD नाम की गैलेक्सी की तस्वीरें लीं, जो घटती और बढ़ती दिखाई दीं।

मिल्की वे का केवल 1/100

वैज्ञानिकों को ये गैलेक्सी केवल लाल और गुलाबी रंग में ही नजर आई है। गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग नामक एक अजीब घटना के कारण वैज्ञानिकों को किसी भी अन्य की तुलना में इस प्राचीन गैलेक्सी को बड़ा और उज्ज्वल देखा है। ये नई गैलेक्सी मिल्की वे का केवल 1/100 वां अंश बताया जा रहा है।

वैज्ञानिकों ने ‘जूम लेंस’ प्रभाव का उपयोग कर दूर की गैलेक्सियों की विस्तृत फोटो ली है, जो आज के दूरबीनों के साथ दिखाई नहीं दे पाएंगे। SPT0615-JD को हबल के रीयनायनाइजेशन लेंसिंग क्लस्टर सर्वे (RELICS) और सह S-RELICS स्पिट्जर प्रोग्राम में पहचाना गया था।

RELICS को ऐसी दूर की गैलेक्सियों को पहचानने के लिए ही डिजाइन किया गया है। अमेरिका के स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट्स के ब्रेट साल्मन ने कहा कि ये गैलेक्सी विज्ञान के लिए एक मजेदार सब्जेक्ट है।

इससे कुछ वक्त पहले ही नासा ने हमारे सोलर सिस्टम जैसा आठ ग्रहों का एक नया सौरमंडल खोज निकाला था। इस ग्रह के पृथ्वी की तुलना में लगभग 30 प्रतिशत बड़ा होने का अनुमान है। मगर यह एक ऐसी जगह है, जहां आप जाना नहीं चाहेंगे। उसका धरातल बहुत ज्यादा गर्म है।

इस नई दुनिया की खोज में गूगल की आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस तकनीक ने काफी मदद की थी, जो मशीन लर्निंग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का एक हिस्सा है। ये केप्लर के डाटा को विश्लेषित करती है।

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