ग्वार उद्योग को सरकार से निर्यात प्रोत्साहन की दरकार
नई दिल्ली, 16 जनवरी (आईएएनएस)| सरकार का दावा है कि ग्वारसीड में ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू होने से किसानों को उनकी फसल का लाभकारी दाम दिलाना सुनिश्चित होगा, लेकिन ग्वार उद्योग का मानना है कि किसानों को उचित दाम तभी मिल पाएगा जब ग्वार उत्पादों का निर्यात बढ़ेगा। भारत अमेरिका, चीन, यूरोप, रूस समेत कई देशों को ग्वार उत्पाद बेचता है लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में पिछले तीन साल से गिरावट होने के बाद से ग्वार उद्योग की सेहत खराब है। ग्वार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट गिरधारी लाल शारदा का कहना है कि ऑप्शन ट्रेडिंग से किसानों को कितना फायदा होता है यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा। अभी इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। लेकिन सरकार अगर एमईआईएस स्कीम के तहत निर्यातकों को प्रोत्साहन दे तो निर्यात में इजाफा होगा, जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित दाम जरूर मिल पाएगा।
उन्होंने कहा कि वह वित्तमंत्री से अपेक्षा करते हैं कि आगामी बजट में वह ग्वार उद्योग को बचाने के लिए एमईआईएस स्कीम को दोबारा शुरू करें।
शारदा ने बताया कि दो साल से सरकार ने मर्के डाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया (एमईआईएस) स्कीम के तहत ग्वार उत्पादों के निर्यात पर प्रोत्साहन देना बंद कर दिया है।
उन्होंने बताया कि भारत का ग्वार निर्यात औसत तीन लाख टन सालाना रहता है जिसमें 30,000 टुकड़ा और बाकी ग्वार पाउडर रहता है। ग्वार पाउडर का इस्तेमाल कच्चा तेल निकालने के लिए ड्रिलिंग में होता है। इसमे कुल 45 फीसदी खपत होती है। जबकि 40 फीसदी खपत फूड में और 15 फीसदी अन्य प्रकार के उत्पादन में ग्वार का इस्तेमाल होता है। भारत में राजस्थान और हरियाणा ग्वार का सबसे बड़े उत्पादक राज्य हैं।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को देश के दूसरे सबसे बड़े वायदा बाजार नेशनल कमोडिटी व डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (एनसीडीएक्स) पर ग्वारसीड में ऑप्शंस ट्रेडिंग का नया डेरिवेटिव्स टूल लांच किया। वित्तमंत्री ने कहा कि इससे देश के किसानों को आने वाले दिनों में काफी फायदा मिलेगा।