दिल्ली में गंगा पर चिंतन मंगलवार को, पहुंचेंगे अन्ना
नई दिल्ली, 14 जनवरी (आईएएनएस)| केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साढ़े तीन साल गुजर जाने के बाद भी गंगा की अविरलता के लिए कोई कारगर कदम न उठाए जाने से नाराज जलपुरुष राजेंद्र सिंह सहित सैकड़ों गंगा प्रेमी मंगलवार को यहां के गांधी शांति प्रतिष्ठान में जुटेंगे और सरकार के खिलाफ अपना रोष प्रकट करेंगे।
उन्हें समर्थन देने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे भी पहुंचेंगे। राजेंद्र सिंह ने रविवार को मालवीय भवन में संवाददाताओं से कहा, देश के लोगों को वर्ष 2014 के आम चुनाव से पहले उम्मीद थी कि नई सरकार आएगी, तो अन्य समस्याओं के साथ गंगा नदी का भी उद्धार हो जाएगा, प्रदूषण मुक्त होने के साथ वह अविरल हो जाएगी। भाजपा के वादे पर भरोसा कर लोगों ने सत्ता में बड़ा बदलाव किया, लेकिन बीते साढ़े तीन साल में न तो समस्याओं का निदान हुआ और न ही गंगा की हालत बदली। बल्कि ठीक उलट गंगा की हालत और खराब हो गई। सरकार अगर समय रहते नहीं जागी, तो गंगा नदी सिर्फ नाम की रह जाएगी।
उन्होंने आगे बताया, गंगा प्रेमियों ने ठान लिया है कि जब तक गंगा नदी की सफाई और अविरलता के लिए अभियान नहीं चलेगा, तब तक अपने अभियान को जारी रखेंगे। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भी 16 जनवरी को गंगा चिंतन शिविर में पहुंचकर आंदोलन को अपना समर्थन देने का वादा किया है।
सिंह के मुताबिक, गंगा नदी की अविरलता के लिए होने वाले इस आंदोलन में गंगा के उद्गम स्थल से लेकर संगम स्थल तक के युवा भागीदारी करेंगे। दूसरी तरफ, हिमालय पर फिर से बांधों के निर्माण की बात से आहत लोग भी आएंगे। गंगा की गाद से बढ़ती बाढ़ के शिकार हो रहे समाज के प्रतिनिधि शामिल होंगे। बड़ी संख्या गंगा की निर्मलता और अविरलता की मांग के लिए चल रहे 2007 से जुड़े आंदोलन के साथी भागीदार बनेंगे।
जलपुरुष ने आगे कहा कि सरकार के वादे पूरे नहीं हुए, गंगा का प्रदूषण पहले से कहीं ज्यादा हो गया है, इस बात के प्रमाण ये हैं कि गंगा में नीलधारा और नरोरा बैराज में 30 प्रतिशत पक्षियों तथा जलीय जंतुओं की संख्या बहुत तेजी से घट गई है और कानपुर से लेकर कन्नौज के बीच कैंसर के रोगियों की संख्या भी बहुत तेजी से बढ़ रही है। यहां के पानी में फॉस्फेट, क्रोमियम, नाइट्रेट बढ़ते ही जा रहे हैं। जिसका बुरा असर खेती पर भी दिखने लगा है।
उन्होंने गंगा में बढ़ते प्रदूषण से होने वाले नुकसान का जिक्र करते हुए बताया कि दारा नगर गंज (बिजनौर) से नरोरा बैराज तक डॉल्फिन की संख्या पहले 56 थी अब घटकर 30 के आसपास हो गई है।
राजेंद्र सिंह ने याद दिलाया कि वर्तमान सरकार ने नोटीफिकेशन जारी कर गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया था, मगर उसे वैसा सम्मान नहीं मिला, जैसा प्रोटोकॉल के तहत मिलना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि गंगा को वही सम्मान दिया जाना चाहिए, जो राष्ट्रीय ध्वज को दिया जाता है। वर्तमान सरकार के रवैए से तो अब यह लगने लगा है कि यह सरकार पुरानी सरकार से भी संवदेनहीन है।