ISRO की मदद से छतीसगढ़ में किया जा रहा नक्सलियों का सफाया
एजेंसी/ रायपुर : छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के आतंक को रोकने के लिए पांच बड़े ऑपरेशन लांच किए गए है। इस बार पहली बार इस ऑपरेशन में इसरो को भी सम्मिलित किया गया है। इसरो द्वारा ली गई तस्वीरों के जरिए पुलिस बल और केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान नक्सलियों को उनके ही मांद में घुसकर मारेंगे।
बस्तर के अभुझमाड़ इलाके में पानी से भरे जंगलों में इसरो के वैज्ञानिक ताक लगाए बैठे है। यहां से ये वैज्ञानिक पल पल की तस्वीरें कंट्रोल रुम को भेज रही है। कुछ दिन पहले तक इसी तालाब के पास नक्सलियों ने डेरा जमाया हुआ था। लेकिन जैसे ही पुलिस बल ने यहां धावा बोला, तब से नकस्ली यहां से भाग खड़े हुए है।
बस्तर के साथ ही दंतेवाड़ा, कोंटा और नारायणपुर के जंगलों में भी इसरो की टीम दिन-रात अपनी टकटकी लगाए बैठे हुए है और हर पल की तस्वीरें भेज रही है। इससे सुरक्षा बलों को नक्सलियों तक पहुंचने में आसानी हो रही है। सैटेलाइट से प्राप्त हुए इनपुट के जरिए ही सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में दो नक्सलियों को मार गिराया था।
सैटेलाइट के कारण सुरक्षा बलों को जान-माल का नुकसान नहीं उठाना पड़ रहा है। हालांकि फिर भी पूरी सावधानी के साथ पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान इस ऑपरेशन को अंजाम देने में जुटे हैं। राज्य के गृहमंत्री राम सेवक पैकरा ने भी इस अभियान को सराहा है।
प्रदेश के नक्सल ऑपरेशन के डीजीपी डी एम अवस्थी ने इसरो से मिल रही सहायता को कारगर बताया है। इसरो की तस्वीरों के ही आधार पर सुरक्षा बल अपनी प्लानिंग करते है। कई बार इन्हीं तस्वीरों के आधार पर बारुदी सुरंगो और प्रेशर बमों को भी नष्ट किया जा चुका है।
सैटेलाइट की पकड़ जिन-जिन इलाकों में मजबूत हो रही है, उन-उन इलाकों में नक्सलियों की पकड़ ढीली होती जा रही है। यह पहली बार है जब इसरो की सैटेलाइट विंग केंद्रीय गृह मंत्रालय की खुफिया शाखा की मदद से केंद्रीय बलों को नक्सलियों की लोकेशन और मूवमेंट की तस्वीरें साझा कर रही है।