दफ्तर के लिए कमरा मिलने के बाद भी झूठ बोल रहे संसदीय सचिव
एजेंसी/ नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा अपने 21 विधायकों को विभिन्न मंत्रालयों में संसदीय सचिव का पद दिए जाने के मामले में विधायकों द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए जवाब पर सवाल उठने लगे है। उनके अनुसार, उन्हें दिल्ली सरकार द्वारा कोई भी लाभ नहीं दिया जाता, इसलिए वो लाभ के पद पर नहीं है।
एक आरटीआई ने विधायकों के इस जवाब पर सवालिया निशान लगा दिया है। बीजेपी नेता और आरटीआई के कार्यकर्ता विवेक गर्ग द्वारा दायर की गई आरटीआई में जो जवाद दिया गया है, उसमें साफ लिखा है कि सभी 21 संसदीय सचिवों को विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल की ओर से दफ्तर के लिए कमरे आवंटित किए गए थे।
इस पर गर्ग ने कहा है कि इन विधायकों ने चुनाव आयोग को जो हलफनामा सौंपा है, वो गलत है। इसलिए गुरुवार को हम चुनाव आयोग में इसकी शिकायत करेंगे और इनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग करेंगे। राजौरी गार्डन से आप विधायक जरनैल सिंह ने कहा कि मैंने दिल्ली सरकार से कोई लाभ या सुविधा नहीं ली है और जहां तक बात विधानसभा में मिले कमरे की है तो मुझे ना इसकी जानकारी है ना मैं कभी उसमें गया।
कस्तूरबा नगर से आप के विधायक और सतर्कता मंत्री के संसदीय सचिव मदन लाल ने भी साफ़ कहा था कि उनको विधानसभा में कोई भी कमरा नहीं मिला है।