छग : समर्पण कर चुके नक्सलियों के लिए सरकार बनाएगी मकान
रायपुर, 11 जनवरी (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों को सरकार एक अनोखा तोहफा देने जा रही है। सरकार ने मुख्यधारा में लौटे इन बागियों के लिए सौ मकान बनवाने का निर्णय लिया है। इसके लिए सरकार ने चार करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की है।
बीजापुर के विकासखंड और तहसील मुख्यालय भोपालपट्टनम में अंतर्राज्यीय बस स्टैंड निर्माण के लिए भी सरकार ने सैद्धांतिक सहमति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि सुकमा से लगे हुए ग्रामीण क्षेत्र में ये आवासीय कालोनी बनवाएगी। इसके लिए प्रति मकान एक लाख रुपये बस्तर और दक्षिण क्षेत्र आदिवासी प्राधिकरण से मंजूर किए जाएंगे। जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) से 75 हजार रुपये के मान से अनुदान की राशि भी दी जाएगी। इसमें से 15 हजार रुपये शौचालय निर्माण के लिए होंगे।
मुख्यमंत्री गुरुवार को अपने निवास कार्यालय से ई-जनदर्शन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बस्तर संभाग के चार विकासखंडों- सुकमा, भोपालपट्टनम, बीजापुर (दोनों जिला-बीजापुर) और कुआकोंडा (जिला दंतेवाड़ा) के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनकी समस्याएं सुन रहे थे। उन्होंने कई समस्याओं का त्वरित निराकरण भी किया। डॉ. रमन सिंह ने ई-जनदर्शन की शुरुआत सुकमा से की।
सुकमा के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में मौजूद नगर पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी बाई ने मुख्यमंत्री से कहा कि इसमें चार करोड़ रुपये की लागत आएगी। मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टर से कहा कि बस स्टैंड विस्तारीकरण का प्रस्ताव नगरीय प्रशासन विभाग को मंत्रालय में भेज दिया जाए।
डॉ. सिंह ने सुकमा में प्रधानमंत्री आवास योजना के 668 हितग्राही परिवारों को एक महीने के भीतर पट्टा दिलाने का भी आश्वासन दिया। उन्होंने इसके लिए कलेक्टर को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
सुकमा जनपद पंचायत की अध्यक्ष आराधना मरकाम ने मुख्यमंत्री को ग्राम पंचायत रामाराम में खेल मैदान और उसी ग्राम पंचायत के ग्राम कुड़केल में सौर ऊर्जा आधारित नल-जल योजना भी स्वीकृत करने की घोषणा की।
सुकमा जिला पंचायत के सदस्य धनीराम बारसे ने डॉ. रमन सिंह से कहा कि, सुकमा में मनरेगा के लगभग एक करोड़ रुपए का भुगतान बाकी है। इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि भारत सरकार से मनरेगा के लिए राज्य का हिस्सा प्राप्त हो गया है। इसमें से सुकमा की बकाया राशि भेज दी जाएगी। बारसे ने सुकमा जिले में शबरी नदी के किनारे ग्राम झापरा में आदिवासी बालक-बालिकाओं के लिए छात्रावास की मांग भी रखी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रस्ताव को नोट कर लिया गया है और इसका जल्द परीक्षण किया जाएगा।
डॉ. सिंह ने बीजापुर जिले के भोपालपट्टनम विकासखंड के लोगों से भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उनके अनेक समस्याओं का निराकरण किया।
भोपालपट्टनम दो राज्यों-महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से लगा हुआ है। इसलिए वहां के बस स्टैंड को अंतर्राज्यीय बस स्टैंड के रूप में विकसित करने की जरूरत है।