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इस महिला ने अपने चेहरे पर क्‍यों लगा लिया माहवारी का खून

नई दिल्ली। भले ही दुनिया 21वीं सदी में प्रवेश कर गई हो, लेकिन भारत में आज भी ऐसा देखा जाता है कि पीरियड्स के दौरान लड़कियों पर कई बंदिशें लगाई जाती हैं। माना जाता है कि पीरियड्स के दौरान लड़कियां अशुद्ध हो जाती हैं इसलिए उन्हें उन्हें पूजा घर या रसोई में जाने नहीं दिया जाता है।

भारत में तो कई जगह ऐसी हैं जहां पीरियड्स के दौरान लड़कियां घर में रखा हुआ पानी तक अपने हाथ से नहीं पी सकतीं। अगर उन्हें प्यास लगती है तो कोई और उन्हें ग्लास में पानी निकालकर देता है।

हालांकि यह बिल्कुल बेबुनियाद बात है। पीरियड्स के दौरान शरीर निकलने वाला खून भी ठीक वैसा ही होता है जैसा शरीर में कट लग जाने पर निकलने वाला खून। दरअसल खून के साथ गर्भाशय से निकलने वाले ऊतक भी इसमें मिले होते हैं जिस कारण इसे दूषित मान लिया जाता है।

इसी धारणा को बदलने के लिए ऑस्ट्रेलिया की पूर्व हेयर ड्रेसर याज़मिना जेड ने अपने चेहरे पर माहवारी के ब्लड को पोत कर तस्वीर सोशल मीडिया पर डाल दी। उनका मकसद लोगों में मैसेज देना था कि इसमें अशुद्ध जैसा कुछ नहीं होता है।

हालांकि कुछ लोगों ने इसे याज़मिना का पब्लिसिटी स्टंट बताया है। उनका कहना है कि याजमिना ये सब पब्लिसिटी पाने के लिए कर रहीं हैं। हालांकि हमारा तो यही कहना है कि मामला चाहे जो हो, मैसेज बुरा नहीं है।

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