राष्ट्रीय

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने अमेरिकी वित्तीय मदद को बताया नगण्य

इस्तलामाबाद, 6 जनवरी (आईएएनएस)| पाकिस्तान के प्रधानमत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने अमेरिका की ओर से पाकिस्तान को फंडिंग बंद करने की धमकी को लेकर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन की वित्तीय मदद ‘बहुत ही तुच्छ’ थी, जबकि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ युद्ध की अगली पंक्ति में खड़ा था। गार्डियन को दिए साक्षात्कार में अब्बासी ने कहा कि अमेरिका की ओर से दो अरब डॉलर की सुरक्षा संबंधी सहायता बंद करने की बात हैरान करने वाली है क्योंकि यह राशि पाकिस्तान की ओर से दी गई असैन्य व सैन्य सहायता का अल्पांश है।

अब्बासी ने इस्लामाबाद स्थित अपने दफ्तर में कहा, मुझे नहीं मालूम कि अमेरिका ने किस मदद का जिक्र किया है। पिछले पांच साल से वित्तीय मदद एक करोड़ डॉलर से भी कम रही है। यह राशि अत्यंत तुच्छ है। इसलिए जब मैंने अखबार में पढ़ा कि 25 करोड़ या 50 करोड़ या 90 करोड़ डॉलर की मदद बंद कर दी गई तो मुझे इसके बारे में बिल्कुल भी मालूम नहीं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नए साल 2018 में अपना पहला ट्वीट पाकिस्ताान को आर्थिक मदद रोकने को लेकर किया था। इस ट्वीट में उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में पाकिस्तान के दावे को झूठा करार दिया और उसे धोखेबाज बताते हुए आर्थिक मदद बंद करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, हम अफगानिस्तान में जिन आतंकियों की तलाश करते हैं पाकिस्तान ने उन्हें सुरक्षित पनाह दे रखी है। राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका ने मूर्खता से पाकिस्तान को पिछले 15 साल से ज्यादा समय से 33 अरब डॉलर दिए हैं।

अमेरिकी एजेंसी इंटरनेशनल डेवलपमेंट के मुताबिक अमेरिका ने पाकिस्तान को 2016 में 77.8 करोड़ डॉलर की वित्तीय सहायता प्रदान की थी, जिसमें 35 फीसदी सैन्य सहायता और बाकी आर्थिक मदद थी।

अब्बासी ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर ट्रंप की ओर से लगाए दुरंगापन के आरोप को खारिज किया और पाकिस्तान की ओर से आतंकवादियों को शरण देने के उनके दावों को भ्रांति बताई।

उन्होंने कहा,पाकिस्तान स्वतंत्र देश है और इसने हमेशा अंतर्राष्ट्रीय समझौतों का पालन किया है।

उन्होंने आगे कहा, आतंकियों से आज हम जूझ रहे हैं इसलिए अगर कोई यह कहता है कि हम आतंकियों को शरण दे रहे हैं तो इससे ज्यादा कोई भ्रांति नहीं है।

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