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उत्तराखंड सरकार ने लोकतंत्र के चौथे स्‍तंभ का गला घोंटा, सरकारी दफ्तरों में पत्रकारों के प्रवेश पर बैन

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्य सचिव उत्पल के सिंह ने कई सरकारी विभागों के अधिकारियों को निर्देश जारी कर कहा है कि किसी भी खबर या जानकारी को मीडिया संग साझा करने से पहले उसे संबंधित मंत्रालय के साथ साझा किया जाए। इस बारे में मुख्य सचिव ने तमाम सरकारी विभागों के प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं।

इसमें कहा गया है कि सरकारी दफ्तर में बाहरी लोगों, पत्रकारों को बिना आधिकारिक काम के प्रवेश की इजाजत नही दी जाए। जिस तरह से उत्तराखंड सरकार ने यह आदेश सरकारी विभागों को जारी किया है उसके बाद सरकार की पारदर्शिता के तमाम दावों की पोल खुलती नजर आ रही है। मीडिया के सरकारी दफ्तर में प्रवेश पर प्रतिबंध की वजह यह बताई गई है कि इससे गोपनीयता भंग होने का खतरा रहता है।

सरकार की ओर से भी जारी आदेश में कहा गया है कि मंत्रिमंडल की बैठक से पहले ही इसके विषय की जानकारी कई बार मीडिया के जरिए बाहर आ जाती है। लिहाजा इनकी गोपनीयता को बनाए रखने के लिए तमाम सरकारी विभागों को अपने स्तर पर कदम उठाने चाहिए।

सरकार के इस आदेश के बाद अब सरकारी दफ्तरों में पत्रकारों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। अब अति आवश्यक मामलों में ही पूर्व से समय लेने या फिर रिसेप्शन से इजाजत लेने के बाद ही पत्रकारों को प्रवेश मिलेगा।

मुख्य सचिव की ओर से जो आदेश तमाम विभागों को दिया गया है उसमें सरकार की बैठकों की गोपनीयता को वजह बताया गया है। जानकारी के अनुसार मंत्रिमंडल में होने वाली बैठक की जानकारी लीक होने को लेकर मंत्रिमंडल ने नाराजगी जाहिर की है।

इसी वजह से सचिवालय में लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी गई है। सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सचिवालय में प्रवेश पर रोक नहीं है, सरकार खुद ही जनहित से जुड़े फैसलों को लोगों के साथ साझा करेगी।

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