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केरल में आईएमए के प्रदर्शन से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित

तिरुवनंतपुरम, 2 जनवरी (आईएएनएस)| आईएमए द्वारा मंगलवार को एक नए विधेयक के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान के बाद राज्य के चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं बंद रखी। यह विधेयक एक नई इकाई के साथ एमसीआई की जगह लेगा और कई मरीजों को बीच मझधार में छोड़ देगा। सरकार के स्वामित्व वाले चिकित्सा कॉलेजों के चिकित्सकों ने सुबह आठ से नौ बजे तक और सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों ने सुबह नौ बजे से 10 बजे तक बाह्य रोगी विभाग से दूर रहने का फैसला किया। कई निजी अस्पतालों में विरोध प्रदर्शन शाम छह बजे तक चलेगा।

आपातकालीन सेवाएं प्रभावित नहीं हुई हैं।

नए विधेयक के खिलाफ अपना प्रदर्शन दर्ज कराते हुए 14 जिलों के तीन हजार से ज्यादा चिकित्सकों ने राज्यपाल के घर के बाहर धरना दिया।

सरकारी अस्पताल की एक महिला ने यहां कहा, एक चिकित्सक मेरा इलाज कर रहे थे कि तभी बीच में दूसरे चिकित्सक आ गए और उस चिकित्सक को बाहर खींच कर ले गए। मैं चिकित्सक के आने का इंतजार कर रही हूं। यह दयाहीनता है।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक शुक्रवार को सदन में रखा गया था, जो भारतीय चिकित्सा संघ की जगह लेगा। इस विधेयक में चिकित्सकों को भारतीय चिकित्सा प्रणाली के तहत चिकित्सकों को अपना पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद एलोपैथी का अभ्यास करने की अनुमति होगी।

भारतीय चिक्तिसा संघ के राज्य सचिव एन. सुल्फी ने मीडिया से कहा, हमें प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है क्योंकि हमारे पास कोई अन्य रास्ता नहीं है।

यह प्रदर्शन उस वक्त हो रहा है जब विधेयक संसद में चर्चा के लिए मंगलवार शाम को रखा जाना है।

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