IIMC में हुआ भारतीय विज्ञान संचार कांग्रेस का आयोजन, डॉ नरेंद्र सहगल ने रखे अपने विचार
नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन में 21-22 दिसंबर को 17वें भारतीय विज्ञान संचार कांग्रेस का आयोजन किया गया। इस सत्र में लोगों ने ‘भारत के वैज्ञानिक ज्ञान: परिवर्तनशील पैराडाइम्स’ विषय पर अपने-अपने विचार रखे।
सत्र को संबोधित करते हुए ज्ञान विज्ञान संवाददाता और यूनेस्को कलिंगा पुरस्कार विजेता डॉ नरेंद्र.के.सहगल ने विज्ञान के क्षेत्र में मीडिया कवरेज की भूमिका पर खुलकर बात की। उन्होनें कहा कि पिछले कई वर्षों में विज्ञान के क्षेत्र में मीडिया का रोल काफी निराशाजनक रहा है।
वहीँ इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन के महानिदेशक प्रो. के जी सुरेश ने बेबाक तरीके से अपनी राय रखी। उन्होनें कहा कि ‘वैज्ञानिकों को अगर जनता तक पहुंचना है, या उन्हें समझना है तो उन्हें भी कम्युनिकेशन उचित प्रकार से आना चाहिए।
उधर, इस सत्र का स्वागत करते हुए सीएसआईआर-एनआईएससीएआईआर के निदेशक डॉ. मनोज कुमार पतारी ने कहा कि ‘भारतीय विज्ञान संचार कांग्रेस ‘विज्ञान संचार’ के विभिन्न पहलुओं पर विचार विमर्श के लिए एक मंच के तौर पर सामने उभरकर आया है। हमें इसका तहे-ए-दिल से स्वीकार्य करना चाहिए।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर वैज्ञानिक और अभिनव अनुसंधान अकादमी (एसीएसआईआर) के निदेशक आर.एस. संगवान थे। बता दें कि, इस आयोजन में विज्ञान संचारकों, वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं, विज्ञान कथालेखकों, विज्ञान उत्साही और छात्रों सहित लगभग 300 प्रतिनिधियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया
इसमें मुख्य रूप से सीआईएसआईआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस कम्युनिकेशन एंड इंफॉर्मेशन रिसोर्सेज (सीएसआईआर एनआईएससीएआईआर), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (आईआईएमसी), इंडियन साइंस राइटर्स एसोसिएशन (आईएसडब्ल्यूए), विज्ञान भारती विभा ), सूचना विज्ञान (एसआईएस) और भारतीय विज्ञान संचार सोसायटी (आईएससीओएस) के छात्र-छात्रा और अन्य लोग शामिल थे।
इस दो दिवसीय कार्यक्रम में पोस्टर सत्र सहित विशेषज्ञों और प्रतिनिधियों ने प्रस्तुतीकरण और वार्ता विज्ञान के विभिन्न पहलुओं पर भी लोगों का ध्यान केन्द्रित किया। इस समारोह में “डॉ आर.के. भंडारी द्वारा लिखी गई लोकप्रिय विज्ञान पुस्तक “आपदाओं” लघु कथाएं, निबंध और उपाख्यानों को नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित भी किया गया। बता दें कि इस दो दिवसीय समारोह का समापन डॉ. मनोज पैट्रिया, निदेशक, सीएसआईआर-निस्कैयर ने किया।