महिला कुश्ती में हरियाणा की दो बेटियों ने रचा इतिहास
रोहतक/भिवानी : हरियाणा की दो बेटियों ने भारतीय महिला कुश्ती में इतिहास रच दिया है. विनेश फौगाट और साक्षी मलिक ने दूसरे और अंतिम ओलंपिक विश्व क्वालिफाइंग कुश्ती टूर्नामेंट में रियो ओलंपिक के लिए कोटा हासिल कर लिया है. यह पहली बार देखने को मिलेगा कि भारत की दो महिला पहलवान ओलंपिक में अपना जोर आजमाएगी.
4 साल पहले 2012 के लंदन ओलंपिक में सिर्फ भिवानी के बलाली की गीता फौगाट (55 किग्रा) ने देश का प्रतिनिधित्व किया था. इस बार गीता व उनकी बहन बबीता ओलंपिक के लिए क्वालिफाई नहीं कर पाईं. लेकिन उनकी चचेरी बहन विनेश ने शनिवार को 48 किग्रा भार वर्ग के फाइनल मुकाबले में पोलैंड की इवोना नीना मत्कोवस्का को 6-0 से हराकर स्वर्ण पदक हांसिल किया. विनेश को उलानबटोर (मंगोलिया) में हुए पिछले विश्व क्वालिफाइंग टूर्नामेंट में 400 ग्राम वजन अधिक होने के कारण अयोग्य करार दिया गया था.
भारतीय कुश्ती महासंघ ने विनेश को सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया था. वही साक्षी मलिक ने भी 58 किग्रा भार वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाई. सेमीफाइनल में साक्षी ने चीन की लेन झांग को 10-10 से हराया. मुकाबला बेहद संघर्षपूर्ण था और दोनों पहलवानों ने एक दूसरे को कड़ी टक्कर दी. साक्षी को अंतिम अंक बटोरने के कारण विजेता घोषित किया गया.