जयराम ठाकुर को मिला हिमाचल प्रदेश के सीएम का ताज
शिमला। पांच बार के विधायक, अपनी विनम्रता के लिए प्रसिद्ध और जमीनी जुड़ाव वाले जयराम ठाकुर हिमाचल प्रदेश के 13वें मुख्यमंत्री होंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को इसकी घोषणा की। भाजपा विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से इस बारे में फैसला लिया गया। बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और नरेंद्र सिंह तोमर के साथ ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा मौजूद रहे। इस मौके पर पार्टी के प्रदेश प्रभारी मंगल पांडेय भी उपस्थित थे।
तोमर ने संवाददाताओं को बताया, “ठाकुर को हिमाचल प्रदेश में भाजपा विधायक दल ने अपना नेता चुना है।” उन्होंने कहा, “किसी अन्य उम्मीदवार के लिए कोई प्रस्ताव नहीं आया।” ठाकुर का नाम दो बार मुख्यमंत्री रह चुके पी.के. धूमल, नड्डा और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने प्रस्तावित किया। नामित मुख्यमंत्री राज्य के राज्यपाल आचार्य देवव्रत से मिलेंगे और पहाड़ी राज्य में सरकार बनाने का औपचारिक दावा पेश करेंगे।
भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में ठाकुर ने पार्टी के सभी नेताओं का धन्यवाद किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, नड्डा, धूमल और शांता कुमार शामिल हैं। ठाकुर ने संवाददाताओं से कहा, “हम हिमाचल प्रदेश के लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे। हमारा कांग्रेस मुक्त हिमाचल प्रदेश का सपना पूरा हो गया।”
भाजपा को मुख्यमंत्री उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल के चुनाव हारने के कारण अपना मुख्यमंत्री चुनने में करीब एक सप्ताह का वक्त लगा। पिछले कुछ दिनों से कई नाम सामने आ रहे थे, जिसमें धूमल और ठाकुर के अलावा नड्डा, विधायक सुरेश भारद्वाज के नाम शामिल थे। ठाकुर छह जनवरी को 53 साल के हो जाएंगे। वह राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और राज्य में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराते हैं।
उन्होंने मंडी जिले की सेराज सीट से पांचवी दफा विधानसभा चुनाव जीता है। उन्होंने कांग्रेस के चेतराम को शिकस्त दी है। वह 2007 से 2012 तक प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे थे। ठाकुर को नड्डा का करीबी माना जाता है। उन्होंने मंडी शहर के एक कॉलेज से स्नातक और चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय से परास्नातक की पढ़ाई की है।
मंडी जिले के तंदी गांव में ठाकुर की 80 साल की मां बीरी सिंह ने अपने पैतृक घर में संवाददाताओं से कहा, “मेरे बेटे ने अपने बचपन में बहुत गरीबी देखी है।” ठाकुर को अबतक केवल 1993 में हुए चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने सेराज से 1998 में विधानसभा चुनाव लड़ा और उसके बाद लगातार पांच विधानसभा चुनावों में भारी अंतर से जीत दर्ज की। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने आईएएनएस को बताया कि ठाकुर भाजपा के वैचारिक मार्गदर्शक राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की छात्र शाखा एबीवीपी के सदस्य रहे हैं।
भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को हराकर सत्ता हासिल की है। भाजपा ने 68 सदस्यीय विधानसभा में दो-तिहाई बहुमत के करीब 44 सीटें हासिल की है। नौ नवंबर को हुए चुनाव में धूमल और प्रदेश इकाई के अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती के हारने के बाद ठाकुर मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आगे निकलकर आए। चुनाव के नतीजे 18 दिसम्बर को घोषित किए गए। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री उम्मीदवार सीट समेत 21 सीटों पर जीत हासिल की है। इसके साथ ही चुनाव में दो निर्दलीय और मार्क्सवादी कम्युनस्टि पार्टी के एक उम्मीदवार ने जीत हासिल की है।