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प्रदूषण फैलाने वाले पिकलिंग उद्योग पर कार्रवाई करे दिल्ली सरकार : एनजीटी

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार के पर्यावरण विभाग को एक सप्ताह के अंदर यह अंतिम निर्णय लेने का आदेश दिया है कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तय किए गए मानकों के अंतर्गत पिकलिंग उद्योग, खासकर वजीरापुर क्षेत्र में चलने वाला उद्योग निषिद्ध उद्योग के श्रेणी में आता है या नहीं। एनजीटी ने कहा कि सरकार को निर्णय पर कार्रवाई के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाएगा। न्यायालय ने यह आदेश अखिल भारतीय लोक अधिकार संगठन की ओर से दाखिल याचिका पर दिया।

इस आदेश पर टिप्पणी करते हुए संगठन के अध्यक्ष गिरीश कुमार पांडे ने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि इस आदेश के बाद दिल्ली में चलने वाले पिकलिंग उद्योग की प्रदूषण फैलाने वाले गतिविधि पर नजर रखी जा सकेगी। संबंधित अधिकारी एनजीटी द्वारा पहले दिए आदेश के अनुसार, आदेश पर कार्रवाई करने में विफल रहे थे।

उन्होंने कहा कि वजीरपुर उद्योग की स्थिति स्पष्ट तौर पर दिखाती है कि कैसे ये पिकलिंग इकाई पर्यावरण को जबर्दस्त नुकसान पहुंचा रही है। ये उद्योग हानिकारक पदार्थ बाहर छोड़ते हैं और यमुना को प्रदूषित करते हैं। इन उद्योगों को तत्काल बंद करने की जरूरत है।

पिकलिंग से एक धातु की सतह को चमकाया जाता है, जिसका उपयोग दाग, अकार्बनिक दूषित पदार्थो, जंग या लौह और कीमती धातुओं, तांबा और एल्यूमीनियम मिश्र धातुओं से युक्त अशुद्धियों को हटाने के लिए किया जाता है। इस उद्योग से निकलने वाला क्रोमियम, कोबाल्ट, निकेल इत्यादि धातु जमीन व पानी में मिल जाता है, जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचता है।

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