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लालू को दोषी ठहराए जाने पर राजद ने जताया विरोध

नई दिल्ली, 23 दिसम्बर (आईएएनएस)| राष्ट्रीय जनता दल(राजद) ने शनिवार को चारा घोटाला मामले में पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद को दोषी ठहराए जाने पर इसे ‘गंदी राजनीति’ और केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) को अप्रत्यक्ष रूप से ‘पिंजरे का तोता’ कहा।

राजद नेता मनोज झा ने पत्रकारों से कहा, ‘पिंजरे के तोते’ का इस्तेमाल उन राजनीतिक विरोधियों के लिए किया जा रहा है, जो भारतीय जनता पार्टी(भाजपा)के समक्ष नहीं झुकते।

उन्होंने कहा कि इस निर्णय के बाद भी, पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के खिलाफ लड़ाई कमजोर नहीं होगी।

भाजपा पर निशाना साधते हुए झा ने कहा, 11 अशोक रोड (दिल्ली में भाजपा मुख्यालय) वाशिंग मशीन है जो भी उनके सामने सर झुकाता है उसकी सारी गंदगी धुल जाती है।

झा ने कहा, सीबीआई की निचली अदालत द्वारा फैसले को संभवत: उच्च न्यायालय में बदला जा सकता है। हमने ऐसा कई मामलों में देखा है। लेकिन हमारी चिंता इसके पीछे की राजनीति पर है, यह ऐसी राजनीति है जो आपका राजनीतिक रूप से विरोध नहीं कर सकता है, उसे इस तरह से वश में करने की कोशिश की जाती है।

उन्होंने कहा, हम ऐसे पिंजरे के तोते का क्या करें, जो एक व्यक्ति की कमाई 16,000 गुणा बढ़ने पर भी कार्रवाई नहीं करती क्योंकि वह व्यक्ति प्रभावी है। दो लोग देश को चला रहे हैं और परंपरा व संस्थानों को ध्वस्त कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सीबीआई के तार भाजपा मुख्यालय से जुड़े हैं।

झा ने कहा, इस बारे में एक उदाहरण देता हूं। सीबीआई ने लालू प्रसाद के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया। वह इस मामले में साफ सुथरे होकर बाहर निकले और सर्वोच्च न्यायालय में केस जीता। न्यायालय के एक न्यायाधीश ने यह देखा कि सीबीआई लालू यादव के खिलाफ स्पष्ट रूप से पक्षपाती है।

झा ने 880 करोड़ रुपये के सृजन घोटाले के बारे में बिना किसी का नाम लिए कहा कि एक व्यक्ति कथित रूप से इस मामले में संलिप्त है जोकि मुख्यमंत्री है।

उन्होंने कहा, लेकिन ‘साहेब’ और ‘पिंजरे का तोता’ इस ओर नहीं देखता, क्योंकि मुख्यमंत्री ने उनके सामने सर झुकाया है और इसलिए उनके सारे कलंक धुल गए।

झा ने कहा, हमें न्यायिक प्रक्रिया और इस देश की संस्कृति में पूरा विश्वास है। लेकिन हम जानते हैं कि किस तरह की ताकतें लगातार लालू प्रसाद को परेशान करने की कोशिश कर रही हैं। तोते को एक दिन न्यायिक प्रक्रिया के सामने झुकना पड़ेगा।

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