करुणाकरण को 1995 में हटाने के खिलाफ थे एंटनी : हसन
कोझिकोड, 23 दिसम्बर (आईएएनएस)| कांग्रेस की केरल इकाई के अध्यक्ष एम.एम. हसन ने शनिवार को खुलासा किया कि वर्ष 1995 में ए.के. एंटनी ने कुछ पार्टी नेताओं से तत्कालीन मुख्यमंत्री के. करुणाकरण को नहीं हटाने के लिए कहा था। हसन ने चार बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके करुणाकरण की आठर्वी पुण्यतिथि पर यह खुलासा किया।
हसन ने कहा, इसरो जासूसी मामले में बदले घटनाक्रम के तत्काल बाद, मैं और ओमन चांडी समेत कांग्रेस के अन्य नेता चाहते थे कि करुणाकरण को इस्तीफा देना चाहिए। चांडी और मैं, करुणाकरण को पद से हटाने की मंशा के साथ एंटनी के घर गए। एंटनी ने वहां कहा था कि ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए, जिससे कांग्रेस पार्टी कमजोर हो, जैसा कि 60 के दशक में पी.टी. चाको के पद छोड़ने के बाद हुआ था।
उन्होंने कहा कि अब पीछे देखने पर शर्मिदगी महसूस होती है।
हसन ने कहा, मुझे महसूस होता है कि मुझे वैसा नहीं करना चाहिए था।
जब पत्रकारों ने चांडी से यहां पूछा कि क्या वह भी करुणाकरण को हटाए जाने को गलती के रूप में देखते हैं? चांडी ने पूछा, ऐसा किसने कहा? और जब यह बताया गया कि हसन ने ऐसा कहा है तो चांडी मुस्कुराते हुए वहां से चले गए।
1995 में, करुणाकरण को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था और उनके स्थान पर एंटनी को मुख्यमंत्री बनाया गया था।