राष्ट्रीय

केंद्र ने भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक झारखंड को भेजा वापस

रांची, 22 दिसम्बर (आईएएनएस)| केंद्र सरकार ने भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा और पारदर्शिता को अधिकार, पुनर्वास और स्थान-परिवर्तन (झारखंड संशोधन विधेयक), 2017 को वापस कर दिया।

यह विधेयक यहां कुछ संशोधनों के साथ आगे बढ़ाया गया था। झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता और झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को कहा कि कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने इस अधिनियम में राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधनों पर आपत्ति उठाई है।

सोरेन ने कहा, केंद्रीय मंत्रालय ने एक पत्र जारी किया जिसमें कहा गया कि यह गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए कृषि भूमि के विषयांतर को बढ़ा देगा।

उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने यह भी उल्लेख किया है कि प्रस्तावित संशोधन किसानों के लिए बनाई गई राष्ट्रीय नीति, 2007 और राष्ट्रीय पुनर्वास और स्थान-परिवर्तन नीति, 2007 के खिलाफ है।

सोरेन ने कहा कि जेएमएम ने इस साल नवंबर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस संबंध में अवगत कराया था।

उन्होंने कहा, हमने पहले ही अपने ज्ञापन में उल्लेख किया और उसे राष्ट्रपति को सौंप दिया है। ज्ञापन में अध्याय 3 के कुछ हिस्सों में राज्य सरकार ने संशोधन लाने की इच्छा जाहिर की है, जिससे पूरे राज्य में बहु फसल संयंत्रों के अधिग्रहण में वृद्धि होगी।

उन्होंने कहा, दिलचस्प बात यह है कि कृषि मंत्रालय ने भी इसी तरह की टिप्पणी की है। अब मुख्यमंत्री रघुबर दास को स्पष्ट करना चाहिए, कि वे किस दबाव के तहत इस संशोधन के पक्षधर रहे हैं।

मुख्यमंत्री को पद से बर्खास्त करने की मांग करते हुए सोरेन ने कहा कि दास कथित तौर पर भूमि घोटाले में शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि मामले का खुलासा तब होगा जब एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा जांच कराई जाएगी।

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