राज्य सभा से मायूस तेंदुलकर ने लिया सोशल मीडिया का सहारा
नई दिल्ली, 22 दिसम्बर (आईएएनएस)| राज्य सभा में अपना पहला भाषण देने से वंचित रहने के एक दिन बाद क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने शुक्रवार को अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।
फेसबुक पर पोस्ट किए गए वीडियो में सचिन ने पूर्वोत्तर राज्यों की सराहना की है। सचिन ने इस क्षेत्र में खेल संस्कृति की तारीफ की है और कहा कि भारत को खेल पसंद राष्ट्र से आगे बढ़कर खेल खेलने वाले राष्ट्रों में शामिल होना है।
सचिन ने कहा, भारत को खेल पसंद करने वाले देशों से खेल खेलने वाले देश में बदलने की मेरी कोशिश है। मैं आप सभी से मेरे इस काम में समर्थन देने की उम्मीद करता हूं।
उन्होंने कहा, खेल के माध्यम से हम राष्ट्र का अलग तरीके से निर्माण कर सकते हैं। यह लोगों को व्यक्तिगत तौर पर लाभ पहुंचाता है जिससे भारत को लाभ होता है।
भारत रत्न सचिन ने दीपा कर्माकर, बाइचुंग भूटिया, एम.सी मैरी कॉम, एल. सरिता देवी और मीराबाई चानू की तारीफ की जिन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों से निकलते हुए खेल को आगे बढ़ाया।
उन्होंने कहा, भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र जिसमें सिर्फ चार फीसदी जनसंख्या रहती है, वहां की खेल संस्कृति बेहतरीन है। उस क्षेत्र ने मेरी कॉम जैसे कई दिग्गज खिलाड़ी देश को दिए हैं।
मास्टर ब्लास्टर ने रियो ओलम्पिक में भारत को पदक दिलाने वाली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु और महिला पहलवान साक्षी मलिक, सायना नेहवान, महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज के माता-पिता और कोच की तारीफ की।
उन्होंने कहा, सिंधु, साक्षी, सायना, सानिया मिर्जा, मिताली जैसी तमाम खिलाड़ियों ने बताया कि भारत की बेटियां क्या करने में सक्षम हैं।
उन्होंने कहा, मैं उनके माता-पिता, परिवार और कोचों और उनके दोस्तों की तारीफ करता हूं जिन्होंने इन लोगों की मदद की और उन्हें प्रोत्साहन दिया, यही कारण है कि वह यह सब हासिल कर सकीं।
लिटिल मास्टर ने कहा, मैं सभी माता-पिता को संदेश देना चाहता हूं कि वह बेटों और बेटियों को समान समर्थन दें।
इससे पहले गुरुवार को राज्य सभा सदस्य तेंदुलकर उच्च सदन में अपना पहला भाषण नहीं दे पाए थे। वह भाषण देने के लिए खड़े हुए तभी कांग्रेस के सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के ऊपर दिए गए बयान और 2जी मुद्दे को लेकर सदन में हंगामा कर दिया।
राज्य सभा अध्यक्ष एम. वेंकैया नायडू ने कांग्रेस के सदस्यों से सचिन को बोलने देने की अपील की थी जिसे अनसुना कर दिया गया।