उच्च न्यायालय ने टर्मिनल-2 न जाने सम्बंधी इंडिगो की याचिका खारिज की
नई दिल्ली, 20 दिसम्बर (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को देश की प्रमुख घरेलू विमानन कम्पनी इंडिगो की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे (आईजीआई) के टर्मिनल-2 से आंशिक परिचालन शुरू करने सम्बंधी दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा लिमिटेड (डायल) के आदेश को चुनौती दी थी। इंडिगो का परिचालन मौजूदा समय में टर्मिनल-1 से होता है और यहां काफी भीड़ होती है। इसी को देखते हुए डायल ने इंडियो सहित तीन घरेलू विमानन कम्पनियों से कहा था कि वे अपना आंशिक संचालन नवनिर्मित टर्मिनल-2 से करें। लेकिन इंडिगो ने डायल के इस फैसले का विरोध किया था।
न्यायमूर्ति ए.के. चावला ने हालांकि नए टर्मिनल पर परिचालन स्थांतरित करने की समयसीमा 15 फरवरी 2018 तक बढ़ा दी।
बाजार शेयर के आधार पर भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने डायल के परिचालन स्थांतरण करने संबंधी फैसले के विरुद्ध न्यायालय में याचिका दाखिल की थी।
एयरपोर्ट के परिचालन की जिम्मेदारी संभाल रहे डायल ने यहां यात्रियों के बढ़ते बोझ को कम करने के लिए टर्मिनल विस्तार हेतू तीन एयरलाइनों को अपने परिचालन का तीन चौथाई कार्य टी1 से स्थांतरित कर टी2 से करने के निर्देश दिए थे।
डायल ने अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि टी1 में क्षमता से ज्यादा परिचालन हो रहा है और अगर आंशिक रूप से एयरलाइनों के परिचालन को यहां से स्थांतरित नहीं किया गया तो, यहां अत्यधिक भीड़ हो जाएगी।
इंडिगो ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आंशिक रूप से विमानों के परिचालन को टी1 से टी2 स्थांतरित करने से यात्रियों में भ्रम की स्थिति पैदा होगी। इस निर्णय के बाद, इंडिगो का परिचालन तीन टर्मिनल से होने लगेगा, एयरलाइन पहले से ही अपने अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवा का परिचालन टर्मिनल 3 से करती है।
डायल के निर्णय को रद्द करने की मांग करते हुए, इंडिगो ने कहा कि निर्णय से विमान परिचालन में कठिनाई उत्पन्न होगी। विमान ने इसके बदले पूरे टी1 को इंडिगो को देने और दो अन्य विमानन कंपनियों के पूरे परिचालन को टी2 स्थांतरित करने का सुझाव दिया।
डायल ने इंडिगो, स्पाइस जेट और गो एयर को अपने विमान संचालन के कुछ भाग को स्थांतरित करने और 4 जनवरी 2018 से मुंबई, कोलकाता व बेंगलुरु शहरों के लिए अपनी विमान सेवा का परिचालन टी2 से करने के निर्देश दिए थे।