वरुण का वंशवाद पर हमला, बोले-‘गांधी’ सरनेम के कारण दो बार सांसद बनने में मिली मदद
भाजपा के युवा सांसद वरुण गांधी ने राजनीति में वंशवाद पर फिर करारा हमला बोल दिया है। हैदराबाद में सेमिनार में उन्होंने कहा कि ‘गांधी’ सरनेम की वजह से युवा अवस्था में ही दो बार सांसद बनने में उन्हें काफी मदद मिली। वरुण गांधी ने साफ किया कि जिनके पिता या दादा प्रभावशाली नहीं हैं, उन्हें राजनीति में अपनी पहचान बनाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
वरुण यूपी के सुल्तानपुर से भाजपा के सांसद हैं। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब सोनिया गांधी ने कांग्रेस का नेतृत्व राहुल गांधी को सौंपते हुए कांग्रेस अध्यक्ष बनाया है।
वरुण गांधी ने कहा कि कई प्रभावशाली नौजवान राजनीति में इसलिए नहीं आ पाते हैं और न ही चमक पाते हैं क्योंकि उनके पिता और दादा राजनीति में प्रभावशाली नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं आज आपके सामने हूं और आपलोग मुझे सुन रहे हैं। लेकिन हकीकत यह है कि यदि मेरे नाम से गांधी नहीं जुड़ा होता तो संभवत: मैं युवा अवस्था में दो बार सांसद नहीं बन सकता था। आपलोग मुझे सुनने के लिए भी नहीं आते।’
वरुण गांधी ने असमानता पर भी तल्ख टिप्पणी की थी। उन्होंने बताया कि पिछले 15 वर्षों में कम से कम 14 लाख किसान या आम लोगों को सिर्फ इसलिए जेल जाना पड़ा है कि वे 25 हजार रुपये का कर्ज नहीं चुका सके थे। वहीं, दूसरी तरफ जिन धनी लोगों ने बैंकों का करोड़ों रुपये ले रखा है वे अपनी बेटियों की पूरी शान-शौकत से शादी करते हैं।
वरुण ने कहा, ‘देश में जब तक सभी के लिए एक समान कानून नहीं होगा, तब तक हम सपनों का भारत नहीं देख पाएंगे। लोगों के बीच अब भी बहुत असमानताएं हैं।’ साथ ही उन्होंने दावा किया कि देश की 60 प्रतिशत संपत्ति एक फीसद लोगों के पास है।
वरुण गांधी का यह बयान ऐसे समय आया है जब सोनिया के बाद राहुल गांधी को कांग्रेस की बागडोर सौंपी गई है। कांग्रेस पार्टी पर वंशवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया जाता है। भाजपा इसे लेकर कांग्रेस पर हमारे से ही हमलावर रही है। बता दें कि वरुण गांधी की मां मेनका गांधी केंद्रीय मंत्री हैं और वरुण गांधी खुद सांसद हैं। वरुण गांधी ने पिछले महीने भी वंशवाद पर निशाना साधा था।