माइनस 11 डिग्री पर चल रहा केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य, कर्मचारी ऐसे कर रहे काम
देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में हो रही बर्फबारी ने केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण में लगे नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग व दूसरे संस्थानों के सामने विषम हालात पैदा कर दिए हैं। केदारघाटी में हाल ही में हुई 3 फीट तक बर्फ़बारी के कारण तापमान माइनस 11 डिग्री तक गिर गया है जिसके कारण बाबा केदार के धाम का पुनर्निर्माण कार्य काफी हद तक प्रभावित हो रहा है।
बता दें कि चारों और बर्फ से ढ़के बाबा केदार भले ही आलौकिक अनुभूति करा रहे हों लेकिन धाम की सच्चाई कुछ और ही है। माइनस 11 डिग्री के चलते काम में जुटे नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग, पीडब्ल्यूडी व दूसरे संस्थानों के कर्मचारियों के बर्फबारी में भी पसीने छूट रहे हैं। भारी बर्फ़बारी ने पानी सहित बहुत सी चीजों को जमा दिया है जिसके कारण पुनर्निर्माण के काम पर रोक लग गई है।
अगले साल यात्रा सीजन से पहले बाबा के धाम को नया रंग रूप देने में लगे कर्मचारियों व इंजीनियरों को वैसे बता दें कि 3 फीट मोटी बर्फ की पर्त को काटना बहुत मुश्किल हो गया है। आजकल केदारनाथ धाम में जहां मंदाकिनी व सरस्वती नदियों पर घाट के साथ दूसरे निर्माण कार्य चल रहे हैं वहीं, 2013 की आपदा में तबाह हो गए केदारनाथ के तीर्थ पुरोहितों के भवनों के पुनर्निर्माण का काम भी बहुत ही जोर-शोर से चल रहा है।
बता दें कि निम के सदस्य अभी भी बर्फ की मोटी चादर को काटकर काम पूरा करने की जद्दोजहद में लगे हैं लेकिन इन हालातों में यूं काम को अंजाम देना आसान नहीं है। बारिश और बर्फ़बारी के कारण मैदानी इलाकों में ही लोग जहां दिन ढलने से पहले ही घरों को चले जा रहे हैं। ऐसे में केदारधाम में माइनस 11 डिग्री टेम्प्रेचर में काम कर रहे निम व दूसरे संस्थानों के लोगों को वहां किन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा होगा इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है और वो भी तब जब बारिश और बर्फबारी तो इन्हें परेशान कर ही रही है एवलांच आने का खतरा भी पर मंडरा रहा है।