भारत, जापान व आस्ट्रेलिया ने बताई हिंद-प्रशांत में आसियान की अहमियत
नई दिल्ली, 13 दिसम्बर (आईएएनएस)| दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती हठधर्मिता और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते प्रभावों के बीच भारत, जापान और आस्ट्रेलिया ने बुधवार को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में राजनीतिक व सुरक्षा संरचना में आसियान समूह की अहमियत बताई और समर्थन पर बल दिया।
अमेरिका के साथ-साथ तीनों देशों की प्रथम चतुष्कोणीय वार्ता के एक महीने बाद तीनों देशों के विदेश सचिव स्तर की यहां यह चौथी त्रिपक्षीय वार्ता संपन्न हुई।
विदेश सचिव एस. जयशंकर ने वार्ता की मेजबानी की, जिसमें आस्ट्रेलिया के विदेश व व्यापार मामलों के सचिव फ्रांसिस एडेमसन और जापान के विदेश मामलों के उप मंत्री शिन्सूके जे. सुगियामा ने हिस्सा लिया।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक तीनों पक्षों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने-अपने देशों के हितों को लेकर बढ़ते लगाव पर प्रकाश डाला और क्षेत्र में शांति, लोकतंत्र, आर्थिक विकास और कानून का राज्य लाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता रेखांकित की।
बयान में कहा गया है-उन्होंने (तीनों देशों ने) हिंद-प्रशांत क्षेत्र की राजनीतिक व सुरक्षा संरचना में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का संघ यानी आसियान की अहमियत रेखांकित की।
यह कहा गया है कि तीनों पक्षों ने समुद्री सुरक्षा और डोमेन जागरूकता व आपदाओं के प्रति प्रतिक्रिया संबंधी क्षमताओं में बेहतर सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के अपने संकल्प दोहराये और आतंकवाद-रोधी सहयोग बढ़ाने की जरूरत बताई। उनके बीच क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत बनाने को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई।
बुधवार की यह बैठक भारत और आस्ट्रेलिया के विदेश सचिव और रक्षा सचिव स्तर की दो पक्षीय वार्ताओं के बाद आयोजित की गई थी। गौरतलब है कि एक महीने पहले फिलीपींस में आयोजित ईस्ट एशिया और आसियान सम्मेलन के इतर भारत, आस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के बीच चतुष्कोणीय वार्ता हुई थी, जिसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा व समृद्धि को लेकर बातचीत हुई थी।
भारत, आस्ट्रेलिया और जापान के बीच प्रथम त्रिपक्षीय बैठक 2015 में भारत में ही हुई थी। दूसरी बैठक जापान और तीसरी आस्ट्रेलिया में अप्रैल 2017 में हुई थी।
बैठक में जापान के उप मंत्री ने अगली बैठक की मेजबानी टोक्यो में करने का प्रस्ताव दिया।