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ड्राइवर के बेटे ने किया वो काम, स्वागत के लिए इकट्ठा हुए गांव वाले व रिश्तेदार

देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड हमेशा से ही वीरों को जन्म देती रही है। संसाधनों से लड़कर ये वीर आगे चलकर देश की सेवा करते हैं। प्राइवेट स्कूल में गाड़ी चलाते पिता का बेटा अगर देश की सेना का अफसर बन जाए, तो कौन गर्व नहीं करेगा। आईएमए ‘IMA’ से पास हुए पंकज जुयाल भी इसी की एक मिसाल हैं।

बता दें कि यह कहानी है ऋषिकेश के पंकज जुयाल की जो सेना में अफसर बन गए हैं। इनके पिता सुभाष जुयाल एक प्राइवेट स्कूल में बस चलाकर घर का गुजारा करते हैं और इसी ड्राइवरी से इन्होंने अपने बच्चों को पढ़ाया है। अभी आईएमए ‘IMA’ से पासआउट हुए पंकज जुयाल शुरू से ही सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहते थे। साल 2013 में पंकज NDA की परीक्षा में पास हो गए। जिसके बाद पंकज ट्रेनिंग के लिए चले गए लेकिन जब लौटे तो उनके शरीर पर न केवल सेना की वर्दी थी बल्की कंधे पर चमकते सितारे इस लाल की शान में चार चांद लगा रहे थे। जिसे देखकर परिवार वाले व गांव वाले बेहद खुश हुए।

ऋषिकेश के लेफ्टिनेंट बने पंकज जुयाल का ऋषिकेश में भव्य स्वागत किया गया। पंकज के माता पिता इस मौके पर बेहद खुश हैं। इतना ही नहीं पंकज के स्वागत के लिए उनके दूरदराज के रिश्तेदारों के साथ—साथ ऋषिकेश के स्थानीय लोगों ने ढोल नगाड़ों के साथ ऋषिकेश के लाल का धूमधाम से स्वागत किया। इस मौके पर पंकज ने कहा कि इंसान अगर मन में कुछ भी ठान ले तो उसे पूरा कर सकता है, उन्हें गर्व है कि उन्हें देश सेवा का मौका मिला है।

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