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छात्राओं के सपनों को जेकेपी दे रहा हौसलो की उड़ान : अरबाज

कुंडा (प्रतापगढ़)। जगद्गुरु कृपालु परिषत् (जेकेपी) की ओर से संचालित कृपालु महिला महाविद्यालय के आठवें वार्षिकोत्सव ‘उत्थान’ में कॉलेज की छात्राओं ने रंगारंग प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया।

रविवार को कुंडा में आयोजित हुए इस कार्यक्रम में आए मुख्‍य अतिथि और अभिनेता अरबाज खान ने भी नृत्य–संगीत का जमकर लुत्फ उठाया। इस मौके पर अपने संबोधन में अरबाज खान ने छात्राओं की मोहक प्रस्तुतियों की खुले मन से सराहना की।

अरबाज ने कहा कि जगद्गुरु कृपालु परिषत् की ओर से संचालित कृपालु महिला महाविद्यालय अलग-अलग धर्मों और वर्गों की हजारों बेसहारा और गरीब लड़कियों को 100 प्रतिशत मुफ्त एजुकेशन प्रदान कर रहा है। मैं जेकेपी की अध्यक्ष डॉ. विशाखा त्रिपाठी, डॉ. श्यामा त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा त्रिपाठी और राम भैया और उनके भाई लक्ष्मण को बेसहारा लड़कियों के कल्याण के क्षेत्र में किए जा रहे उनके अद्भुत कामों के लिए बधाई देता हूं।

अभिनेता ने आगे कहा कि सरकार ने कुछ साल ‘बेटी बढ़ाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना को बढ़ावा दिया था, लेकिन यहां के समाज में लड़कियों को सशक्त करने की यह कोशिश पिछले कई साल से चालू हैं। कुंडा और मनगढ़ एरिया में भले ही कम हों, लेकिन यह कदम बहुत असरदायक हैं। मैं जब यहां आया तो पता चला कि  सितम्बर 2016 में एक साथ 5700 लड़कियों को सेल्फ डिफेंस ट्रेनिग दी गई। महिला सुरक्षा की दिशा में यह कदम अभूतपूर्व हैं। इस प्रोग्राम को लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में भी जगह मिली।

कृपालु परिषद की ओर से समय-समय पर विशाल भोज, कम्बल वितरण और स्कूल सामग्री भी बांटी जाती है। यह सभी काम वे ही कर सकते हैं  जिनके मन में समाजसेवा का भाव  कूट-कूट कर भरा हो।  तीनों दीदी, जगद्गुरु कृपालु जी के इस सपने को जिस तरह आगे बढ़ा रही हैं, उनकी जितनी तारीफ की जाए, कम है। यहां की लड़कियों के सपनों को जेकेपी हौसलो के पंख दे रहा है।

बता दें कि ग्रामीण एवं निर्धन बालिकाओं के शैक्षिक उत्थान के लिए जगद्गुरु कृपालु परिषत् एजुकेशन की ओर से प्रतापगढ़ जिले की कुंडा तहसील में तीन शिक्षण संस्थान-कृपालु महिला महाविद्यालय, कृपालु बालिका इंटरमीडिएट कॉलेज और कृपालु बालिका प्राइमरी संचालित किए जाते हैं। इन संस्थानों में बालिकाओं को प्राइमरी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएशन तक नि:शुल्क शिक्षा देकर उन्हें आत्म-निर्भर बनाने की कोशिश की जाती है। खास बात यह है कि इन संस्थानों में प्रोफेशनल कोर्सेज भी चलाए जाते हैं ताकि लड़कियां आत्मनिर्भर बन सकें।

 

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