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मनुष्य के लिए ज्ञान ही नहीं, संस्कार भी अहम : राजनाथ

लखनऊ, 9 दिसम्बर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सांसद और देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को यहां कहा कि मनुष्य के लिए ज्ञान ही पर्याप्त नहीं, संस्कार भी बेहद अहम हैं। भारत के चरित्र की गाथा दुनिया के कोने कोने तक फैली है। स्वामी विवेकानंद भारत के पहले वैश्विक युवा थे। राजनाथ ने लखनऊ विश्वविद्यालय के 60वें दीक्षांत समारोह में यह बात कही। यहां उन्हें मानद उपाधि भी प्रदान की गई।

लखनऊ विश्वविद्यालय के 60वें दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को पदक तथा डिग्री प्रदान करने के बाद राजनाथ ने कहा, हमें जीवन में हर पल गुरुओं के महत्व को समझना चाहिए। मनुष्य के जीवन मे गुरु का बड़ा महत्व होता है।

गृहमंत्री ने कहा, माता-पिता और गुरु से हमको संस्कार मिलते हैं। हम सभी को जीवन के हर मोड़ पर अपने माता-पिता के साथ गुरुओं का उल्लेख करना चाहिए। ज्ञान ही पर्याप्त नहीं, संस्कार भी बहुत जरूरी है।

राजनाथ ने कहा, मैंने छात्र रहते हुए कभी मर्यादाओं को नहीं तोड़ा। मैं भी बहुत तेज-तर्रार छात्र रहा हूं, कभी मर्यादाओं को नहीं तोड़ा। छात्रों, कभी मर्यादाओं को मत तोड़ना। मर्यादाओं का पालन, प्रिय ही नहीं पूज्य बनाता है। आज रावण नहीं, राम की पूजा होती है।

उन्होंने कहा, व्यक्ति का कद उसके पद से नहीं, कृतियों से बड़ा होता है। कद को ऊंचा करने के साथ ही हमको नया मुकाम देने में गुरु की बड़ी भूमिका होती है।

समारोह में उपमुख्यमंत्री डॉ़ दिनेश शर्मा ने कहा, हमारे जीवन में गुरु का स्थान देवता तुल्य है। लखनऊ विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह वाकई में अपने आप में बेहद अलग होता है। यहां से शिक्षा के क्षेत्र में देश का नाम रोशन करने वाले छात्रों के साथ ही क्रिकेटर सुरेश रैना व आर.पी. सिंह भी निकले हैं। उन्होंने डिग्री पाने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई भी दी।

समारोह में राज्यपाल राम नाईक ने कहा, पदक पाने वालों में छात्राओं की संख्या अधिक है। 191 में 32 पदक छात्रों को 159 पदक छात्राओं को। ये आंकड़े महिला सशक्तिकरण का उदाहरण हैं। राजनीति में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग होती रही है, लेकिन यहां के आंकड़े बताते हैं कि स्वतंत्र रूप से महिलाएं कितनी सफलता पा रही हैं।

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