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मिशन इंद्रधनुष में इंदौर देश में दूसरे स्थान पर

भोपाल, 7 दिसंबर (आईएएनएस)| देश में टीकाकरण के लिए सघन मिशन इंद्रधनुष चलाया जा रहा है। इस अभियान के प्रथम एवं द्वितीय चरण पूरे हो गए हैं। इनमें 101 प्रतिशत की उपलब्धि के साथ इंदौर (शहर) देश में द्वितीय स्थान पर रहा है। यह जानकारी गुरुवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने राष्ट्रीय वीडियो कन्फ्रें सिंग के दौरान दी। राज्य के जनसंपर्क विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक, कांफ्रेंसिंग के दौरान नड्डा 24 राज्यों के प्रमुख सचिव एवं संबंधित अधिकारियों से रूबरू हुए और सघन मिशन इंद्रधनुष की समीक्षा की। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव गौरी सिंह ने मध्य प्रदेश में किए गए प्रयासों की जानकारी दी।

केंद्रीय मंत्री नड्डा ने सभी राज्यों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एनसीसी, एनएसएस, एनवाइके (नेहरू युवा केंद्र) का उपयोग सामाजिक जागरूकता के लिए बेहतर ढंग से करने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्यों से कहा कि वे रोज राज्य एवं जिला-स्तर पर मॉनीटरिंग करने के साथ फीडबैक देते हुए उचित कार्यवाही सुनिश्चित करें।

राज्य के स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गौरी सिंह ने केंद्रीय मंत्री को बताया कि शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित करने वाली पंचायतों को राज्य में दो लाख रुपये का पुरस्कार देने का निर्णय लिया गया है। निर्णय की सराहना करते हुए नड्डा ने अन्य राज्यों से भी इस योजना का अनुसरण करने के निर्देश दिए।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान केंद्रीय मंत्री नड्डा ने कहा कि चार चरणों में होने वाले इस अभियान की पूर्ति के बाद सर्वश्रेष्ठ उपलब्धि वाले राज्य एवं जिले को भी पुरस्कृत किया जाएगा। यह पुरस्कार प्रधानमंत्री द्वारा नई दिल्ली में दिया जाएगा।

ज्ञात हो कि सघन मिशन इंद्रधनुष देश के 24 राज्यों के 201 जिलों और 18 शहरों में टीकाकरण से छूटे हुए बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के उद्देश्य से चार चरणों में संचालित किया जा रहा है। अभियान के दो चरण अक्टूबर और नवंबर में पूरे हो चुके हैं।

सघन मिशन इंद्रधनुष का तृतीय चरण सात दिसंबर से शुरू हो गया है और यह 18 दिसंबर तक चलेगा। चतुर्थ चरण सात से 18 जनवरी, 2018 तक होगा। अभियान में डिप्थीरिया, काली खांसी, टिटनेस, पोलियो, टीबी, खसरा आदि के टीके लगाए जा रहे हैं। इसमें दो वर्ष की आयु के प्रत्येक बच्चे और उन गर्भवती माताओं तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है, जो टीकाकरण कार्यक्रम में यह सुविधा नहीं पा सके हैं।

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