मप्र : 6 अधिकारियों के निलंबन, 3 की बर्खास्तगी के आदेश
भोपाल, 6 दिसंबर, (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने जिम्मेदारियों के निर्वाहन में लापरवाही बरतने वाले छह अधिकारियों को निलंबित करने, तीन को बर्खास्त और हर्जाना वसूलने के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आवेदकों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने प्रशासनिक अमले की लापरवाही की शिकायतें की।
इस पर चौहान ने सागर जिले के खुरई के सत्यम श्रीवास्तव के अविवादित नामांतरण प्रकरण के निराकरण में देरी के कारण तहसीलदार क़े एऩ ओझा और संबंधित पटवारी को निलंबित करने के आदेश दिए।
इसी तरह सागर की सपना राय की दसवीं एवं बारहवीं की अंक सूची में नाम त्रुटि के सुधार में देरी करने के कारण माध्यमिक शिक्षा मंडल के सहायक सचिव राममोहन पटेल एवं सेक्शन अधिकारी और लिपिक को निलंबित करने के आदेश दिए।
भानपुरा जिला मंदसौर के यशवंत रूद्रवाल व अन्य की जमीन सड़क निर्माण में अधिग्रहण करने का मुआवजा देने में देरी करने के कारण लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन यंत्री को नोटिस जारी किया गया।
मुख्यमंत्री ने जबलपुर की मानोबाई को भू-अधिकार ऋण पुस्तिका प्रदान करने में देरी करने वाले नायब तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। साथ ही 3,250 रुपये की क्षतिपूर्ति भी लोकसेवा प्रदान गारंटी योजना अंतर्गत संबंधित आवेदक को देने के निर्देश दिए।
धार जिले के बरोदा दही की कली बाई को मृत्यु प्रमाणपत्र प्रदान करने में देरी बरतने के कारण ग्राम पंचायत सचिव एवं रोजगार सहायक को बर्खास्त कर दिया।
कटनी जिले के मुडावरा के गरीबदास कोल ने बिजली मीटर में गड़बड़ी की शिकायत के निराकरण में देरी करने के कारण विद्युत मंडल के संबंधित सहायक यंत्री एवं कनिष्ठ यंत्री से हर्जाना वसूली कर संबंधित आवेदक को 8,000 रुपये की राशि का भुगतान करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सिंगरौली जिले के ग्राम ढेंकी के राकेश देव पांडे की बेटी की शादी के लिए सहायता राशि 25,000 रुपये के भुगतान में लापरवाही बरतने के कारण संबंधित लिपिक को बर्खास्त करने के निर्देश दिए।
राज्य में राशन वितरण में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ियों की शिकायतें आ रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि योग्य व्यक्तियों के लिए राशन वितरण सुनिश्चित किया जाए और अयोग्यों को सूची से अलग किया जाए।