फेसबुक बेचने पर आमादा रहे मार्क जुकरबर्ग भारत के इन बाबा के आशीर्वाद से बने अरबों के मालिक
फेसबुक से सोशल मीडिया की दुनिया में राज करने वाले फेसबुक के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग को कौन नहीं जानता। एक बार उनकी जिंदगी में ऐसा समय भी आया कि जब वे फेसबुक को बेचने का मूड बना चुके थे, लेकिन इन बाबा के आशीर्वाद ने उन्हें अरबों का मालिक बना दिया है।
मार्क जुकरबर्ग नैनीताल जिले के कैंची धाम स्थित बाबा नीम करौली (नीब करोरी) महाराज के भक्त हैं। कैंची धाम से मिली प्रेरणा के बाद ही मार्क फेसबुक को तरक्की की इस मंजिल तक पहुंचा सके हैं। सात-आठ साल पहले मार्क ने कैंची धाम पहुंचकर बाबा से आशीर्वाद लिया था।
मार्क जुकरबर्ग और बाबा नीम करौली के बीच के संबंधों का खुलासा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिलिकान वैली स्थित फेसबुक हेडक्वार्टर के दौरे के वक्त हुआ था। तब मोदी और जुकरबर्ग के बीच आध्यामिक बातचीत भी चली।
सूत्र बताते हैं कि एक वक्त में मार्क बहुत निराशा में थे। हालत यहां तक आ पहुंची थी कि मार्क फेसबुक बेचने तक का मन बना चुके थे। तभी उनके गुरु और दिग्गज तकनीकी कंपनी एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब ने उन्हें भारत में जाकर एक मंदिर में कुछ वक्त गुजारने की सलाह दी। उन्होंने मार्क को अध्यात्म की शरण में जाने की सलाह दी थी।
स्टीव से ही जुकरबर्ग को उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित कैंचीधाम आश्रम में आने की प्रेरणा मिली। उसके बाद मार्क जुकरबर्ग कैंची आश्रम जा पहुंचे। जुकरबर्ग मानते हैं कि भारत में मिली अध्यात्मिक शांति के बाद उन्हें फेसबुक को नए मुकाम पर ले जाने की ऊर्जा मिली।
मार्क जुकरबर्ग ने वर्ष 2004 में फेसबुक लॉन्च किया था। कैंची मंदिर के प्रबंधक विनोद जोशी बताते हैं कि वर्ष 2007-08 में मार्क जुकरबर्ग कैंची मंदिर आए थे और उन्होंने यहां विशेष पूजा-अर्चना की थी। जोशी ने बताया जुकरबर्ग एपल के सीईओ स्टीव जॉब को अपना प्रेरणास्रोत मानते थे।
स्टीव जॉब भी वर्ष 1974 में कैंची धाम में आए थे। जॉब के कहने पर ही मार्क ने वर्ष 2007-08 में कैंची मंदिर का रुख किया और तभी से वह बाबा के भक्त बन गए।