फिल्म ‘पद्मावती’ रिलीज नहीं करवा रहे तो शरीयत में दखल क्यों : ओवैसी
हैदराबाद। तीन तलाक पर प्रस्तावित कानून का कड़ा विरोध करते हुए एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को ‘शरीयत’ की रक्षा के लिए भारतीय मुसलमानों से एक होने का आह्वान किया। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मुद्दे पर दिए गए फैसले को अस्पष्ट बताते हुए उन्होंने कहा कि यह कोई नहीं कह सकता कि एक बार में तीन दफा तलाक बोलने पर शादी समाप्त हो जाएगी या फिर उसे केवल एक तलाक माना जाएगा। उन्होंने आश्चर्य प्रकट किया कि सरकार कैसे संसद में विधेयक ला सकती है।
सांसद ने नरेंद्र मोदी सरकार से पूछा कि क्या सरकार उन महिलाओं को आर्थिक सहायता मुहैया कराएगी जिनके पतियों को तीन साल जेल भेजा जाएगा।
मिलाद-उन-नबी के मौके पर एमआईएम मुख्यालय दारुसलाम में जनसभा में उन्होंने चेतावनी दी कि कानून, अपनी पत्नियों को छोड़ने वाले पतियों की एक नई समस्या की ओर ले जा सकता है।
उन्होंने मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के बारे में बोलने लेकिन ‘हिंदू बहनों’ की अनदेखी करने पर मोदी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि ’20 लाख हिंदू महिलाओं को उनके पतियों ने छोड़ दिया है’, क्या मोदी इनके बचाव में भी आएंगे?
उन्होंने कहा कि संघ परिवार मुस्लिम महिलाओं के प्रति सहानुभूति दिखाता है, लेकिन एक फिल्म को रिलीज करने की अनुमति नहीं दे रहा है।
ओवैसी ने पूछा, “जब आप एक फिल्म (‘पद्मावती’) को रिलीज करने की अनुमति नहीं दे सकते, तो आप मेरी शरीयत में कैसे हस्तक्षेप कर सकते हैं।”
एमआईएम अध्यक्ष ने कहा कि मुसलमानों को राजपूतों से सबक सीखना चाहिए, जो कम संख्या में होने के बावजूद फिल्म की रिलीज रोकने के लिए एक साथ आए।
उन्होंने कहा, “अगर मुस्लिम देश को मजबूत बनाने और शरीयत को बचाने के लिए एक हो सकते हैं, तो हम निश्चित रूप से कुछ कर सकते हैं।”
सांसद ने कहा कि समुदाय को पटेल, गुर्जर, जाट और मराठों से भी सबक सीखना चाहिए जो अपने अधिकारों और आरक्षण के लिए लड़ने के लिए एक साथ आए थे।
गुजरात चुनावों का जिक्र करते हुए एमआईएम प्रमुख ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे के मंदिरों के दौरे कर रहे हैं और हर नेता खुद को ‘अन्य की तुलना में बड़ा हिंदू’ साबित करने का दावा कर रहा है।
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उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों पार्टियां विभिन्न समुदायों के लिए आरक्षण की पेशकश में एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर रही हैं, लेकिन मुसलमानों के लिए कोटे का विरोध करने में एकजुट हो जाती हैं। उन्होंने दोनों पार्टियों को ‘ढोंगी’ करार दिया।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से हाल में भारतीय मुसलमानों की प्रशंसा पर ओवैसी ने कहा कि यह मीडिया के लिए एक खबर है क्योंकि इसे एक पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है।
उन्होंने कहा, “मेरी पार्टी यही बातें बीते 60 साल से कह रही है। हम कहते रहे हैं कि हम अपने देश से प्यार करते हैं, हमें संविधान में विश्वास है और देश मजबूत हो सकता है अगर मुसलमानों को उनका संवैधानिक हक मिले।”