संयुक्त राष्ट्र की 2018 में मानवीय सहायता के लिए 22.5 अरब डॉलर की अपील
संयुक्त राष्ट्र, 2 दिसम्बर (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र ने साल 2018 में मानवीय सहायता के लिए रिकॉर्ड 22.5 अरब डॉलर की अपील की है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक सहायता अपील का मकसद दुनिया के जरूरतमंद 13.6 करोड़ लोगों में से सबसे कमजोर 9.1 करोड़ लोगों की सहायता के लिए धन जुटाना है।
इसमें कहा गया कि केवल सीरिया और यमन के मानवीय संकट से निपटने के लिए ही 10 अरब डॉलर से ज्यादा धनराशि की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र ने यह भी कहा कि कई अफ्रीकी देशों में जरूरतें काफी हद तक बढ़ती जा रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ के समन्वयक मार्क लोकॉक के मुताबिक, संघर्ष व संकट से जूझ रहे अफ्रीका व मध्य पूर्व में मानवीय सहायता के जरूरतमंद लोगों की संख्या में पांच फीसदी से ज्यादा वृद्धि हुई है।
पिछले साल जितनी धनराशि की अपील की गई थी, उसके मुकाबले इस साल की धनराशि एक फीसदी ज्यादा है। नवंबर के अंत तक एजेंसी ने 13 अरब डॉलर जुटा लिए थे, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने रिकॉर्ड स्तर का फंडिंग करार दिया है।
सहयाता कोष की एक तिहाई से ज्यादा धनराशि सीरिया में गृहयुद्ध से उपजे संकट से निपटने के लिए मांगी गई है। 3.5 अरब डॉलर देश के भीतर संकट का सामना कर रहे लोगों को मानवीय सहायता देने के लिए खर्च होंगे, जबकि 4.2 अरब डॉलर की धनराशि पड़ोसी देशों में रह रहे 54 लाख सीरियाई शरणार्थियों की सहायता पर खर्च की जाएगी।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि दुनिया में सबसे खराब मानवीय संकट का सामना कर रहे यमन को जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए 2.5 अरब डॉलर की मदद की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र ने स्वीकार किया है कि उनका मकसद यमन के दो करोड़ लोगों में से सिर्फ आधे लोगों की जरूरतों को पूरा करना है, जिन्हें त्वरित मानवीय सहायता की जरूरत है। उनमें से 1.1 करोड़ बच्चे हैं और 400,000 गंभीर कुपोषण से जूझ रहे हैं।
कांगो, इथियोपिया, नाइजीरिया, सोमालिया, दक्षिण सूडान और सूडान, प्रत्येक को जरूरतमंदों की सहायता के लिए एक अरब डॉलर से ज्यादा धनराशि की जररूत है।
संयुक्त राष्ट्र ने अपने बयान में यह भी कहा कि अफगानिस्तान, इथीयोपिया, इराक, माली और यूक्रेन सहित कुछ अन्य देशों में मानवीय जरूरतों में कमी आई है।