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महिलाओं को घर के भीतर व बाहर प्रदूषण का शिकार होना पड़ता है : अनुप्रिया

लखनऊ, 29 नवंबर (आईएएनएस/आईपीएन)। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल ने बुधवार को यहां कहा कि वातावरण के प्रदूषण की वजह से प्रतिवर्ष विश्व में 17 लाख मौतें होती हैं, जिनमें से अकेले भारत में 6.17 लाख मौतें होती हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में महिलाओं को घर के भीतर और बाहर, दोनों जगहों पर प्रदूषण का शिकार होना पड़ता है। अनुप्रिया पटेल बुधवार को एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर द्वारा महिलाओं की सेहत पर पर्यावरण प्रदूषण के प्रभाव (इंपैक्ट ऑफ इनवायर्मेट ऑन वूमेंस हेल्थ) विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं।

केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा, घरों में जलने वाले पारंपरिक ईंधन से महिलाएं सर्वाधिक प्रभावित होती थीं। इस समस्या पर काम करते हुए हमारी सरकार ने उज्ज्वला योजना चलाई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर देश के 11 करोड़ लोगों ने एलपीजी सब्सिडी छोड़ दी और वह पैसा उज्ज्वला योजना के माध्यम से गरीब महिलाओं के जीवन में बदलाव की बयार लाया। प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में केवल सरकार सफल नहीं हो सकती, हम सभी को एक साथ इस मुहिम पर लगना होगा।

इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत करते हुए एमिटी विश्वविद्यालय लखनऊ परिसर के अध्यक्ष डॉ. असीम चौहान ने कहा, विकासशील देश होने के नाते हममें आगे बढ़ने की भरपूर क्षमता है और हम विकास के पथ पर अग्रसर हैं, परंतु यह विकास किन मूल्यों पर और किन बलिदानों के साथ चाहिए, हमें तय करना होगा।

सम्मेलन में 20 देशों के 300 से भी अधिक वैज्ञानिक, शिक्षाविद् और पर्यावरणशास्त्री हिस्सा ले रहे हैं। सम्मेलन में तीन दिनों तक पर्यावरण प्रदूषण पर चर्चा और शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।

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