नई दिल्ली, 29 नवंबर (आईएएनएस)| भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) संतोष रांगनेकर को बोर्ड के कार्यकारी कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी द्वारा धमकी दिए जाने के मुद्दे पर सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को बीसीसीआई और चौधरी से जबाव मांगा है।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश ए.एम. खानविल्कर और न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने बोर्ड से मामले पर स्थिति सपष्ट करने को कहा है। पीठ ने यह जवाब एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रम्णयम द्वारा सीएफओ के प्रशासकों की समिति (सीओए) के अध्यक्ष विनोद राय के सामने प्रस्तुतत किए गए ई-मेल के बाद मांगा है।
सुब्रमण्यम ने अदालत को बताया कि चौधरी ने रांगनेकर से कहा था कि अगर वह इस समय हरियाणा में हैं होते तो वह उन्हें नष्ट कर देते।
संवाददातओं को चौधरी ने बताया कि यह कुछ निश्चित मुद्दे उनके विचार हो सकते हैं जिसमें वित्तीय लेनदेन के कुछ ऐसी बातें हैं जो सीएफओ को पसंद नहीं आई हों।
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई जनवरी के दूसरे सप्ताह में रखी है। अदालत ने बीसीसीआई से साथ ही कहा है कि वह सीओए द्वारा आखिरी सुनवाई में प्रस्तुत किए गए संविधान के मसौदे पर अपना जवाब दें।
सीओए ने लोढा समिति की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए बीसीसीआई के संविधान का मौसदा तैयार किया है। उन्होंने साथ ही उसमें सभी हितधारकों के सुझाव भी शामिल किए हैं।