हैदराबाद मेट्रो दौड़ने को तैयार, मंगलवार को उद्घाटन
हैदराबाद, 27 नवंबर (आईएएनएस)| हैदराबाद में सड़कों के बीचोबीच खड़े खंभों पर दौड़ने को मेट्रो रेल तैयार हो चुकी है। इसके साथ ही इस टेक हब सिटी का नजारा बदल जाएगा और शहर की सार्वजनिक परिवहन सुविधा एक नए स्तर पर पहुंच जाएगी।
इस ऐतिहासिक नगर के लोगों का लंबे समय से जो सपना था, वह अब हकीकत में तब्दील होने जा रहा है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को यहां जमीन से ऊपर खंभों पर तकरीबन 72 किलोमीटर जाने वाली मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम चरण का उद्घाटन करने वाले हैं।
इसके साथ ही लोग बुधवार से व्यावसायिक परिचालन शुरू होने पर नागोल से मियापुर तक 30 किलोमीटर का सफर मेट्रो में कर पाएंगे।
सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) के तहत बनने वाली यह दुनिया की सबसे बड़ी मेट्रो रेल परियोजना है, जिसके तैयार होने की उम्मीद कभी धूमिल थी मगर आखिरकार यह हकीकत बनने जा रही है।
भीड़भाड़ व ट्रैफिक जाम की समस्याओं के लिए बदनाम इस नगर में अब लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। खासतौर से हैदराबाद के पूरबी उपनगरीय क्षेत्र उप्पल, जोकि मेट्रो से जुड़ा है, से लेकर पश्चिमी इलाके में आईटी हब हाईटेक सिटी के पास की घनी आबादी वाले कुकटपल्ली के लोगों को राहत मिलेगी।
चालू होने वाली मेट्रो लाइन के दायरे में 24 स्टेशन हैं, जिसमें कई व्यस्त इलाके और राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम और शहर के प्रमुख स्थल जैसे- उस्मानिया विश्वविद्यालय, सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन और कमर्शियल हब जैसे बेगमपेट और अमीरपेट शामिल हैं।
एल एंड टी मेट्रो रेल हैदराबाद लिमिटेड (एलटीएमआरएचएल) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिवानंद निमबार्गी ने आईएएनएस को बताया, 30 किलोमीटर के इस विस्तार में शुरू से अंत तक का संपर्क प्रदान करना पहले ही दिन बड़े इंटरचेंज स्टेशन को खोलना अपने आप में अनोखा है क्योंकि ऐसा अब तक भारत के किसी दूसरे शहर में नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा, हैदराबाद मेट्रो का डिजाइन कुछ अलग तरह का है। इसमें स्टेशन पूरा खुला है लेकिन अन्य शहरों में सुरंग (टनेल) है।
हैदराबाद में 71.2 किलोमीटर मेट्रो रेल परियोजना की बोली 2010 में लार्सन एंड टुब्रो (एल एंड टी) की ओर से जीतने के बाद इसमें कई अड़चनें आईं, जिसके कारण परियोजना जिसे इस साल जुलाई में तैयार हो जाना चाहिए उसका महज पहला चरण तैयार हो पाया है।
तीन चरणों में तैयार होने वाली इस परियोजना को पूरा करने के लिए सरकार ने 17 महीने का विस्तार प्रदान किया है।