अन्तर्राष्ट्रीय

बेहद कड़े पुलिस अभियान के बाद भी पाकिस्तान में झड़पें

इस्लामाबाद, 26 नवंबर (आईएएनएस)| पाकिस्तान में एक प्रमुख राजमार्ग को 19 दिनों से रोके रखने वाले एक कट्टरवादी इस्लामी समूह के सदस्य रविवार को पुलिस से भिड़े।

इस दौरान सेना ने सरकारी इमारतों को अपनी निगरानी में ले लिया है।

समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने में असफल होने व छह लोगों की मौत व सैंकड़ों लोगों के घायल होने के बाद रविवार की फिर हिंसा हुई है।

इस्लामाबाद पुलिस के प्रवक्ता ने कहा, प्रदर्शनकारियों ने आज (रविवार को) पुलिस पर पथराव किया व पुलिस की कुछ मोटरबाइक को जला दिया।

नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर एक अन्य पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी एफे से कहा कि प्रदर्शनकारियों ने एक पुलिस चौकी व एक पुलिस कार को आग के हवाले कर दिया।

तहरीक-एक लब्बैक पार्टी के मौलवी खादिम हुसैन रिजवी के समर्थकों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन को पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ कर खत्म कराने का प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हो सकी। इसके बाद झड़पें हुईं।

प्रदर्शनकारी संसद द्वारा मंजूर एक निर्वाचन कानून में संशोधन को लेकर न्याय मंत्री जाहिद हामिद के इस्तीफे की मांग कर रहे है। इसमें उस शपथ को हटा दिया गया था जिसमें सार्वजनिक पद ग्रहण करने वालों को कार्यभार ग्रहण करते समय इस बात को कहना होता है कि उनका विश्वास है कि वे पैगंबर मोहम्मद के अंतिम पैगंबर होने में विश्वास रखते हैं।

कट्टरवादी इस संशोधन को ईश निंदा मानते हैं। उनके द्वारा बड़े स्तर पर प्रदर्शन के बाद संसद ने शपथ को बहाल कर दिया और हामिद ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए एक वीडियो जारी किया।

राहत सेवाओं के एक प्रवक्ता ने कहा, शनिवार को संघर्ष में करीब छह लोगों की मौत हो गई व 192 लोग घायल हो गए।

इस बीच सैनिकों ने इस्लामाबाद के रेड जोन में सरकारी इमारतों में पोजीशन संभाल ली है, जहां प्रधानमंत्री कार्यालय व सर्वोच्च न्यायालय सहित देश के प्रमुख संस्थान स्थित हैं।

सेना ने कहा कि शनिवार रात को गृह मंत्रालय द्वारा प्रदर्शन को दबाने के आदेश के लिए जवानों की तैनाती से पहले विवरणों का स्पष्टीकरण दिए जाने की अब भी जरूरत है।

सेना ने एक बयान में कहा कि पुलिस ने ‘अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल नहीं किया’ और अदालत के आदेश का हवाला दिया जिसमें प्रदर्शन को तितर-बितर करने के लिए आग्नेयास्त्रों के इस्तेमाल से रोका गया है।

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