उत्तराखंड का यह रॉकस्टार गढ़वाली गायिकी के दम पर छू रहा लोकप्रियता का आसमां
उत्तराखंड के रहने वाले शाश्वत पंडित गढ़वाल में गायिकी के क्षेत्र में भी अलग पहचान बना चुके हैं। अपने सिंगिग स्टाइल से इस युवा ने न सिर्फ गढ़वाली गीतों को नई ऊर्जा से भर दिया, बल्कि उन्हें आज की युवा पीढ़ी के टेस्ट के अनुसार भी ढालते हुए पेश किया। इसे युवाओं में बेहद पसंद किया जा रहा है।
अपने गायन ही नहीं, बल्कि अपने गुड लुकिंग स्टाइल से लाखों लोगों की दिलों में जगह बनाने वाले शाश्वत पंडित ने साइंस पढ़ने के बाद संगीत के दुनिया में कदम रखा है।
उन्होंने गढ़वाल यूनिवर्सिटी श्रीनगर से बायोटेक किया है, लेकिन साइंस से पढ़ाई कर रहे शाश्वत ने इसमें अपना कॅरियर बनाने की बजाय गायन को चुना। वो भी केवल अपनी बोली–भाषा बचाने के लिए। अब उनका ये प्रयास रंग ला रहा है। युवाओं की जुबां पर उनके गढ़वाली भाषा का आना इस बात का सबूत है।
युवा दिलों की धड़कन बने शाश्वत पंडित अपनी गढ़वाली भाषा का प्रचार प्रसार करने के लिए यू-ट्यूब पर how to Speak Garhwali से एक पाठ भी चलाते हैं। उनकी यह कोशिश लोगों को बेहद पसंद आ रही है। इस तरह उनकी फैन फॉलोइंग भी बढ़ गई है।
बता दें कि शास्वत ने 2012 में इंडियन आइडल-6 के लिए भी ऑडिशन दिया था। इसमें उन्होंने टॉप 25 में जगह बनाई थी। अपने कल्चर को बढ़ावा देने के लिए शाश्वत विदेशों में भी शो किया करते हैं।
शाश्वत पंडित का कहना है कि उनके हिसाब से वह जानते है कि उत्तराखंड की सबसे बड़ी समस्या क्या है। उनका कहना है कि यहां के युवा अपनी भाषा को लेकर शर्म महसूस करते हैं। यही कारण है कि वह आज की युवा पीढ़ी के मुताबिक और उनके टेस्ट के अनुसार काम कर अपनी भाषा और संस्कृति को जिंदा रखना चाहते है।
वह अब तक उत्तराखंड के लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, प्रीतम भरतवाण आदि के गीतों को भी अपग्रेड कर युवाओं के सामने गा चुके है। उनकी बड़ीफैन फॉलोइंग उनके नए गानों का इंतजार कर रही है।’ तिन चिट्ठी किलै नी भेजी’ इसी गाने से शाश्वत पंडित युवाओं के बीच ज्यादा चर्चा का विषय बन गए थे। फिर एक के बाद एक उनके नए गढ़वाली गीत उन्हें युवाओं के दिलों तक पहुंचाते गए।
उत्तराखंड के इस रॉकस्टार गायक का ख्वाब है कि टैलेंट से भरपूर यहां के युवा अपनी संस्कृति,सभ्यता के लिए आगे आए और सरकार इसमें उनका सहयोग करें।शाश्वत पंडित अभी देहरादून के एक स्कूल में बच्चों को सिंगिंग भी सिखाते है। इसके अलावा वह देश ही नहीं बल्कि विदेशों में गढ़वाली शो किया करते है।