लोगों की सजगता से ही दूर हो सकती हैं कुरीतियां : नीतीश
पटना, 24 नवंबर (आईएएनएस)| बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां शुक्रवार को कहा कि आम लोगों की सजगता और सहयोग से ही समाज में फैली सामाजिक कुरीतियां खत्म की जा सकती हैं। पटना में एक समाचार पत्र समूह द्वारा आयोजित ‘दहेज मुक्ति जागरूकता रथ’ रवाना करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने के लिए एक सशक्त अभियान चलाया गया है। इसके साथ ही बिहार अब पूर्ण शराबबंदी से नशामुक्ति की ओर कदम बढ़ा चुका है।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने दहेज मुक्ति जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रथ पूरे बिहार का भ्रमण कर दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीति के प्रति लोगों को जागरूक करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ण शराबबंदी से महिलाओं के जीवन स्तर में काफी बदलाव आया है और महिला सशक्तिकरण की दिशा में यह एक प्रभावी पहल साबित हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बिहार दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ उठ खड़ा हुआ है, जिसको देखते हुए 21 जनवरी, 2018 को एक बार फिर मानव श्रृंखला पूरे बिहार में बनाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि जन सहयोग से ही यह अभियान अपने मकसद में कामयाब होगा। इसके लिए हर किसी को संकल्प लेने की जरूरत है, जिससे बिहार से इन सामाजिक कुरीतियों को समाप्त किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा, दहेज एवं बाल विवाह एक बड़ी सामाजिक कुरीति है, जिसे जड़ से मिटाना जरूरी है। अगर भारत सरकार के आंकड़े पर गौर किया जाए, तो महिला अपराध में बिहार का 26वां स्थान है, लेकिन दहेज संबंधी अपराध में उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे स्थान पर है।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी कुरीतियों पर काबू पा लिया जाए, तो महिलाओं के खिलाफ अपराध और अन्य होने वाली घटनाओं में भी कमी आएगी। बाल विवाह की शिकार महिलाओं के बच्चे बौनेपन के शिकार होते हैं। दुनिया में लोगों की लंबाई बढ़ रही है, लेकिन भारत में कम हो रही है।