संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक
नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस) संसद का विलंबित शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होगा और पांच जनवरी तक चलेगा। केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने शुक्रवार को संसदीय मामले की मंत्रिमंडलीय समिति(सीसीपीए) की बैठक के बाद कहा, संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से पांच जनवरी तक चलेगा। इस दौरान 22 दिनों में 14 बैठकें होंगी।
संसदीय मामलों के मंत्रालय से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, सत्र की तारीख सीसीपीए द्वारा प्रस्तावित की गई है।
उन्होंने बताया कि संसद की कार्यवाही क्रिसमस के मौके पर 25 और 26 दिसंबर को नहीं होगी।
अनंत कुमार ने पत्रकारों से कहा, विधानसभा चुनाव और सत्र के टकराव से बचने के लिए संसद सत्र का समय बदला जाना कोई अनोखी बात नहीं है।
उन्होंने कहा, पहले कई सरकारों के कार्यकाल के दौरान कई मौकों पर ऐसा होता रहा है।
मंत्री ने कहा कि इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह के कार्यकाल में वर्ष 1993, 2008 और 2011 में संसद सत्र में देरी हुई थी।
उन्होंने कहा, कई बार, विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव को देखते हुए सत्र आयोजित किया जाता है। कई बार यह पहले भी दिसंबर अंत में शुरू हुआ है और जनवरी तक चला है।
मंत्री ने सभी राजनीतिक पार्टियों से सभी महत्वपूर्ण विधेयकों पर सकारात्मक चर्चा और दोनों सदनों की कार्यवाही सही से चलने देने की अपील की।
बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने की थी और बैठक में सत्र के विधायी एजेंडे पर भी चर्चा हुई थी।
तीन तलाक और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग पर सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, यह भारत के लोगों की मजबूत इच्छा है कि संसद इन दोनों मुद्दों पर कानून बनाए और सरकार इस इच्छा को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस सत्र में वस्तु एवं सेवा कर(राज्यों को मुआवजा) अध्यादेश, 2017, दिवाला व दिवालियापन संहिता(संशोधन) अध्यादेश, 2017 और भारतीय वन(संशोधन) अध्यादेश, 2017 पेश किया जाएगा।
कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां संसद के शीतकालीन सत्र में हो रही देरी को लेकर सरकार की आलोचना कर रही हैं। कांग्रेस ने कहा है कि सरकार गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले असहज सवालों का सामना नहीं करना चाहती है, इसलिए सत्र में देरी की जा रही है।
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष याचिका दायर की थी।
संसद का शीतकालीन सत्र आमतौर पर नवंबर के तीसरे सप्ताह से शुरू हो जाता है और लगभग एक महीने तक चलता है।