‘पद्मावती’ मुद्दा हम सभी के लिए भयावह है : विनोद कापड़ी
पणजी, 23 नवंबर (आईएएनएस)। ‘पद्मावती’ के खिलाफ पूरे भारत में जिस तरह बवाल मचाया जा रहा है, उसे ‘पीहू’ के निर्देशक विनोद कापड़ी नागरिकों के साथ-साथ फिल्मकारों के लिए भी भयावह मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा करनी चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह (इफ्फी) में उन्होंने आईएएनएस से कहा, ‘पद्मावती’ पर जो कुछ हो रहा है, वह वास्तव में चिंताजनक है। यह आम नागरिकों और फिल्मकारों के लिए भयावह है। यदि हम एक राष्ट्र के रूप में एक महान फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली के साथ इस तरह का व्यवहार करते हैं, तो सचमुच मैं भविष्य को लेकर चिंतित हूं।
उन्होंने कहा, क्या अच्छा, क्या बुरा, यह तय करने के लिए एक सेंसर बोर्ड है और लोगों को इस बोर्ड का सम्मान करना चाहिए या हमें सेंसर बोर्ड को ही बंद कर देना चाहिए। लेकिन अगर सेंसर बोर्ड है, तो कर्णी सेना सहित सभी को इसकी गरिमा का सम्मान करना चाहिए। मगर वे ऐसा नहीं कर रहे हैं।
भंसाली राजपूत रानी पद्मावती की गौरवगाथा और बलिदान को बड़े पर्दे पर पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह जैसे सितारे प्रमुख भूमिका में हैं। इस फिल्म को राजनीति की नजर लग गई है।
फिल्म निर्माता को न केवल फिल्म की शूटिंग के दौरान चुनौतियों का सामना करना पड़ा था, बल्कि रिलीज की तारीख करीब आते-आते धमकियों भरे विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
अनुमान लगाया जा रहा है कि इसमें राजपूत रानी को गलत ढंग से पेश किया गया है, लेकिन भंसाली ने इस आरोप का खंडन किया है।
यह फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज होने वाली थी, लेकिन इस पर राजपूत संगठनों, हिंदूवादी संगठनों, भाजपा नेताओं से लेकर केंद्रीय मंत्रियों, भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों तक की उग्रता को देखते हुए निर्मार्ताओं ने फिल्म रिलीज होने की तय तारीख टाल दी है। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने तो रिलीज होने से पहले ही प्रतिबंध लगा दी है।
रिलीज की तारीख टलने और कई राज्यों में प्रतिबंध लगा दिए जाने के बाद भी विवाद अभी थमने वाला नहीं है, क्योंकि गुजरात में चुनाव है, भाजपा की नजर राजपूत वोटों पर है।
फिल्म ‘पीहू’ ने इफ्फी में भारतीय इंडियन पैनोरमा खंड के उद्घाटन में मराठी फिल्म ‘न्यूड’ की जगह आई। उन्हें उम्मीद है कि बुरा वक्त जल्द खत्म होगा।
उन्होंने कहा, यह खत्म होगा। लोग अपनी गलतियां महसूस करेंगे।
इस तरह के विरोध प्रदशनों से निपटने का रास्ता क्या है, जिसमें लोग इस तरह के कार्य कर रहे हैं?
उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि मेरी सरकार एक कठिन स्थिति में है। मेरी सरकार इस तरह के कृत्यों को संभालने में सक्षम है। मुझे लगता है कि सरकार को एक स्टैंड लेना चाहिए और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करनी चाहिए।