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तानाशाह किम जोंग की महिला सैनिकों की ट्रेनिंग बोले तो ‘रेप’,पीरियड्स तक हो जाते हैं बंद

नार्थ कोरिया। आज तक आप ने सोल्जर्स की टफ ट्रेनिंग के बारे में बहुत कुछ सुना होगा। सोल्जर्स को किस तरह से प्रशिक्षित किया जाता है, इसे कभी-कभार टीवी चैनलों पर दिखाया भी गया है लेकिन आज हम आपको नार्थ कोरिया की फीमेल सोल्जर्स की उस ट्रेनिंग के बारे में बताएंगे जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

दरअसल, करीब दस साल पहले यहां की आर्मी का हिस्सा रही ली सो येआन ने फीमेल सोल्जर्स की ट्रेनिंग को लेकर ऐसे चौंकाने वाले खुलासे किए है जिसपर यकीन करना सिर्फ मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन है पर ये एक कटु सच है। जिसे खुद ली सो येआन ने बताया है।

ली कहती है कि यहां फीमेल्स की ट्रेनिंग इतनी सख्त है कि उनके पीरियड्स तक रुक जाते है मालूम ही नहीं चलता। उन्हें तो इस बात तक का अंदाजा नहीं रहता कि पीरियड्स कब आए और कब खत्म हो गए। इसके अलावा वे अक्सर यहां रेप का भी शिकार होती है।

बयां किए कई दर्द

ली की तरह एक अन्य महिला सैनिक ने बताया कि नॉर्थ कोरिया में महिला सैनिकों के लिए सैनेटरी पैड तक की व्यवस्था नहीं है। इसके चलते उन्हें सूती कपड़ों का इस्तेमाल करना पड़ता था।

इतना ही नहीं, पुरुषों की नजरों बचाने के लिए वे ये कपड़े छिपकर धोती थीं और फिर उसका दोबारा यूज करती थीं। इसके अलावा महिलाओं को भी इतनी सख्त ट्रेनिंग दी जाती थी कि कई महिलाओं की माहवारी तक रुक जाती थी।

ली अब नॉर्थ कोरिया में नहीं रहतीं, लेकिन जब भी नॉर्थ कोरिया की बात होती है तो उन्हें अपने दर्दनाक दिनों की याद आ जाती है। हाल ही में बीबीसी को दिए इंटरव्यू में ली ने बताया कि उन्होंने जॉब के दौरान करीब 10 साल तक का समय ऐसे कमरे में गुजारा, जहां उनके साथ दो दर्जन से अधिक महिलाएं भी रहती थीं।

ली बताती हैं कि कमरे में इनके सोने के लिए चटाई होती होती थी, जो चावल के भूसे से बनी होती थी। इसलिए पसीने की बदबू बिस्तर में भी चली जाती थी। इससे पूरा कमरा बदबूदार हो जाता था।

ली बताती हैं कि उनके पिता यहां की यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और परिवार के अधिकतर लोग सैनिक थे।पानी की व्यवस्था करने के लिए पहाड़ के झरनों से एक पाइप जोड़ दिया जाता था। इसके जरिए पानी आता था, लेकिन पाइप के जरिए अक्सर सांप और अन्य कीड़े-मकोड़े तक आ जाते थे।

1990 के दशक में देश में भीषण अकाल की स्थिति पैदा हो गई। लोग भूखों मरने पर मजबूर हो गए। इसके चलते वे हजारों महिलाओं के साथ सेना में शामिल हो गईं।

 

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