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सीवेज के पानी को शु्द्ध करने की ताकत रखता है यह अनोखा जंतु

 

देहरादून। राजाजी नेशनल पार्क स्थित सुसवा नदी में नेचुरल तरीके से पानी को शुद्ध करने वाला रोटिफर वलगैरिस नाम का जलीय जंतु मिला है। इसकी खासियत यह है कि यह पानी में मौजूद गंदगी को खाकर पानी को साफ और शुद्ध बना देता है। वनाधिकारियों के अनुसार प्रदेश में पहली बारबायोलॉजिकल सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम को चलाने वाले रोटिफर वलगैरिस की खोज हुई है।

अब वन विभाग रोटिफर वलगैरिस को बड़े पैमाने पर पैदा करने जा रहा है। वन विभाग इसे नदियों और तालाबों में छोड़ने की सिफारिश शासन से करने जा रहा है। ऐसे में बिना बड़े प्रोजेक्ट चलाए और बड़ी धनराशि खर्च किए ही जल स्रोतों का पानी साफ हो जाएगा।

राज्य सरकार हरिद्वार में जर्मनी के सहयोग से बड़े स्तर पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की योजना पर काम कर रही है। इसके अलावा नमामि गंगे योजना के तहत गंगा नदी के संरक्षण की योजना अमल में लाई जानी है।

बता दें कि हमारी नदियों में ऐसा जलीय जंतु है, जो प्राकृतिक तौर पर पानी साफ करता है। एक साल से ऐसे जलीय जंतु पर अध्ययन कर रहे मुख्य वन संरक्षक मनोज चंद्रन के अनुसार राजाजी नेशनल पार्क के कानसरो में सुसवा नदी में पानी का सैंपल लेने के बाद माइक्रोस्कोप से पानी की जांच की गई थी।

पानी के अंदर स्यूडो सीलेन्ट्रेट कुल का रोटिफर वलगैरिस नामक जलीय जंतु मिला है, जो बिल्कुल सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की तरह काम करता है। यह जंतु पानी के अंदर दूषित तत्वों को खाता है। साथ्‍ ही पानी में आक्सीजन की मात्रा बढ़ा देता है।

इस जंतु के आगे के अंग पंखे की तरह चलते रहते हैं और जैसे ही उसे गंदगी का कण मिलता है वह उसे खा जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इसे बड़े पैमाने पर तैयार कर नदियों में छोड़ा जाए, तो वह प्राकृतिक तौर पर पानी को साफ कर देगा। इस जलीय जंतु से जुड़ी रिपोर्ट तैयार कर वन मुख्यालय को देने के साथ बड़े स्तर पर इसे पैदा कर नदियों, जलाशय में छोड़ने की संस्तुति की जाएगी।

रोटिफर वलगैरिस एक मिमी के दसवें हिस्से के बराबर होता है, यह माइक्रोस्कोप से दिखाई देता है। सीसीएफ मनोज चंद्रन के अनुसार यह जंतु बैक्टीरिया, सॅालिड मैटेरियल और माइक्रोब्स का खाता है।

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