राष्ट्रीय

वीरता पुरस्कार विजेताओं की विधवाओं को पुनर्विवाह बाद भी भत्ता

नई दिल्ली, 21 नवंबर (आईएएनएस)| रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि वीरता पुरस्कार विजेताओं की विधवाओं को पुनर्विवाह के बाद भी उनका भत्ता जारी रहेगा। अभी तक यह नियम था कि विधवा यदि शहीद के भाई से शादी करती थी, तो ही उसे भत्ता दिया जाता था। वीरता पुरस्कार विजेताओं को आर्थिक भत्ता पाने की मौजूदा शर्तो के अनुसार, भत्ता पुरस्कार प्राप्तकर्ता को दिया जाता है और उसकी मृत्यु पर उसकी विधवा को दिया जाता है।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, वीरता पुरस्कार प्राप्त कर चुका व्यक्ति रक्षा मंत्रालय(एमओडी) के 1972 के पत्र के मुताबिक आर्थिक भत्ता पाने का हकदार है, जिसे 1995 के एमओडी के पत्र में शामिल किया गया है, जिसे समय-समय पर संशोधित किया जाता है।

पहले के नियमों के अनुसार, विधवा अपने पुनर्विवाह या मृत्यु तक भत्ता प्राप्त करती थी।

हालांकि, विधवा यदि शहीद के भाई से पुनर्विवाह करती है और उसके उत्तराधिकारी के साथ सामुदायिक जीवन जी रही है तो वह पारिवारिक पेंशन पाने के योग्य थी।

बयान में कहा गया है, विधवा के दिवंगत पति के भाई के साथ आर्थिक भत्ता जारी रखने के लिए पुनर्विवाह की शर्त को हटाने के लिए हर तरफ से सुझाव प्राप्त हो रहे थे।

नए नियमों के मुताबिक, वीरता पुरस्कार विजेता की विधवा को अब उसकी मृत्यु तक भत्ता दिया जाएगा।

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