विद्यार्थियों को ब्लू व्हेल गेम के खतरों के बारे में जागरूक करें : सर्वोच्च न्यायालय
नई दिल्ली, 20 नवंबर (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि विद्यार्थियों को ब्लू व्हेल जैसे ऑनलाइन गेम्स के खतरों के बारे में जागरूक किए जाने की जरूरत है। न्यायालय ने कहा कि अभिभावकों और शिक्षकों को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए, ताकि बच्चे इसके जाल में न फंसें। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की सदस्यता वाली पीठ ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को ब्लू व्हेल जैसे गेम्स के खतरों के प्रति जागरूक करने का निर्देश दिया।
अदालत ने साथ ही कहा कि इस दिशा में माता-पिता और शिक्षकों की अहम जिम्मेदारी है।
अदालत ने एक याचिका पर अपने आदेश में यह कहा। याचिका में ब्लू व्हेल गेम के जाल में फंसे बच्चों द्वारा आत्महत्या किए जाने की समस्या से निपटने के लिए कदम उठाने की मांग की गई थी।
अधिवक्ता स्नेहा कलिता ने अदालत में यह याचिका दायर की थी।
प्रधान न्यायाधीश मिश्रा ने आदेश जारी करते हुए कहा कि यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वह लोगों को खतरों से आगाह करे।
अदालत ने कहा कि केवल ऐसे ऑनलाइन गेम्स को लेकर ही नहीं, बल्कि जिंदगी के मूल्यवान होने को लेकर भी जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए।
अदालत ने कहा कि यह माता-पिता का बुनियादी दायित्व है कि वे सुनिश्चित करें कि बच्चे ऐसे खेलों के जाल में न फंसे। अदालत ने कहा कि अभिभावकों को बच्चों को आशावान बनाना चाहिए और उन्हें प्यार देना चाहिए।