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‘खतरा लेकर ही जीता जा सकता है पुरस्कार’

गुड़गांव, 19 नवंबर (आईएएनएस)| यस बैंक के ह्यूूमन कैपिटल मैनेजमेंट के अध्यक्ष रजनीश दत्ता ने कहा कि पुरस्कार और खतरे एक साथ ही चलते हैं। खतरा लेकर ही पुरस्कार जीता जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह एक अरब लोगों का देश है जिसमें अवसरों की कमी नहीं हैं।

गुरुग्राम के मैनेजमेंट डिवेपमेट इंस्टीट्यूट (एमडीआई) में शनिवार को नेतृत्व क्षमता से संबंधित तीसरा सालाना सालाना सम्मेलन में दत्ता ने कहा कि बिजनेस की कला सीखी जा सकती है, लेकिन असली अंतर व्यक्ति के व्यवहार से ही पैदा होता है। हम लोगों में खाली स्थान भरने की क्षमता होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि संवेदना होनी चाहिए, अच्छा व्यवहार होना चाहिए और आगे बढ़ने और ऊंचाई हासिल करने का आत्म विश्वास होना चाहिए। भारत का इतिहास काफी समृद्ध है और हमें उससे शिक्षा लेनी चाहिए। हमें खुद को पहचानना चाहिए और भारत को आगे बढ़ाने की कोशिश की जानी चाहिए।

सम्मेलन के दौरान बदलते डिजिटल माहौल में बिजनेस के तौर तरीके बदलने के विषय पर पैनल में विचार-विमर्श किया गया।

लीडरशिप कॉन्क्लेव ‘संवाद’ का आयोजन एमडीआई के नेशनल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (एनएमपी) के छात्रों ने किया। इसमें दिग्गज औद्योगिक हस्तियों ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास और लक्ष्य को पाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर विचार-विमर्श किया।

एनएमपी के चेयरमैन जे. के. जैन एनएमपी की सफल यात्रा और एमआईडी के लिए अर्जित की गई एनएमपी की उपलब्धियों पर रोशनी डाली।

छात्रों के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन अनुभव से कहीं ज्यादा बढ़कर था। संवाद की आयोजन समिति की मिस दिव्या आनंद ने कहा कि इस सम्मेलन ने हमें कारोबार जगत के दिग्गजों से रूबरू होने का मौका दिया। इस अनुभव ने हमारी नेतृत्व क्षमता, रचनात्मता, अभिनव प्रयोग करने की क्षमता और रणनीति का निर्माण शामिल था। इस सफल कार्यक्रम में 100 से ज्यादा भागीदारों ने शिरकत की।

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