राष्ट्रीय

उप्र : रिवर फ्रंट घोटाले की जांच अब ईओडब्ल्यू को

लखनऊ, 19 नवंबर (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी सरकार के दौरान हुए कथित गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच अब आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) करेगी। योगी सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश की थी, लेकिन सीबीआई ने इनकार कर दिया है।

पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट के लिए करीब 1513 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। इसमें से 1437 करोड़ यानी की 95 फीसदी फंड पहले ही जारी कर दिए गए थे। बावजूद इसके 60 फीसदी काम अभी भी अधूरे पड़े हैं।

सत्ता पर काबिज होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोमती रिवर फ्रंट का निरीक्षण किया था। 60 प्रतिशत कार्य अधूरे देख उन्होंने कड़ा एतराज जताया था और इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। न्यायिक आयोग ने मामले की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को 16 जून को सौंपी थी।

रिपोर्ट में कहा गया कि अधिकारियों ने पैसों के हेराफेरी के लिए जमकर आपराधिक साजिश रची। इस रिपोर्ट के आधार पर लखनऊ के गोमती नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया। वहीं मुख्यमंत्री योगी ने सीबीआई जांच के लिए सिफारिश की, लेकिन सीबीआई ने जांच करने से इनकार कर दिया। इसके बाद अब मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी गई है।

इस संबंध में गोमतीनगर थाने के सीओ दीपक सिंह ने कहा कि एफआईआर दर्ज कराने वाले सिंचाई विभाग के अधिकारी अब बयान देने से बच रहे हैं। इस कारण जांच आगे नहीं बढ़ पा रही है। इसे देखते हुए जांच अब ईओडब्ल्यू को भेज दी गई है।

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