मंगलेश डबराल को मिला गजानन माधव मुक्तिबोध सम्मान
रायपुर, 19 नवंबर (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ की राजधानी के वृंदावन हाल में रविवार को महाराष्ट्र मंडल की ओर से गजानन माधव मुक्तिबोध राष्ट्रीय सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसमें सुप्रसिद्ध कवि मंगलेश डबराल को यह सम्मान दिया गया।
संस्थान के वरिष्ठ सहयोगी अरुण काठोटे ने बताया कि समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर मराठी साहित्य के वरिष्ठ साहित्यकार चंद्रकांत पाटिल शामिल हुए।
कवि मंगलेश डबराल मूल रूप से उत्तराखंड के कफलपानी के रहने वाले हैं। उनके कविता संग्रह ‘पहाड़ पर लालटेन’, ‘घर का रास्ता’, ‘हम जो देखते हैं’, ‘आवाज भी एक जगह है, ‘नए युग में शत्रु’ बेहद प्रसिद्ध हैं। उन्होंने गद्य भी लिखा है, जिसमें ‘लेखक की रोटी और ‘कवि का अकेलापन’ लोगों के बीच काफी चर्चित है।
मंगलेश डबराल ने यात्रा डायरी भी लिखी है, जिसका नाम है- ‘एक बार आयोवा’। कवि मंगलेश ने नागार्जुन, निर्मल वर्मा, महाश्वेता देवी, यू. आर. अनंतमूर्ति, कुर्रतुल ऐन हैदर और गुरदयाल सिंह पर केंद्रित डॉक्यूमेंट्री और पटकथा लेखन भी किया है।
मंगलेश डबराल को इससे पहले ओमप्रकाश स्मृति सम्मान, श्रीकांत वर्मा पुरस्कार, शमशेर सम्मान, पहल सम्मान, कुमार विकल स्मृति सम्मान, साहित्य अकादमी पुरस्कार और हिंदी अकादमी का साहित्यकार सम्मान मिल चुका है।